आज संध्या दिनांक 7 नवंबर 2024को छठ पूजा का पहला अर्घ्य आज, पथरडीह परघाबाद तालाब में

आज संध्या दिनांक 7 नवंबर 2024को छठ पूजा का पहला अर्घ्य आज, पथरडीह परघाबाद तालाब में

लगभग 50 वर्ष से छठ पूजा महापर्व मनाते आ रहे हैं पाथरडीह कोलवासरी ,चासनाला के- के गेट सामने,चासनाला सम्राट नगर पोखरिया में शांतिपूर्वक ढंग से पौराणिक कथा के अनुसार, छठ पूजा के महापर्व का प्रारंभ महाभारत के दौरान हुई थी। सर्वप्रथम छठ पूजा की शुरुआत सूर्य देव का पुत्र कर्ण ने की थी।

छठ पर्व या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक आस्था का बड़ा पर्व है। दिवाली के 6 दिनों बाद छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस साल छठ पूजा 5 नवम्बर से नहाय-खाय के साथ शुरू होगी।

महाभारत से

एक अन्य मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्यदेव की पूजा शुरू की।एक कथा के अनुसार, माता सीता ने मुंगेर में छठ पर्व मनाया था, जिससे इस पर्व की शुरुआत हुई। पांडवों के जुए में हारने के बाद द्रौपदी ने छठ व्रत रखा, जिससे उनकी मनोकामनाएँ पूरी हुईं। राजा प्रियवद को संतान की प्राप्ति के लिए महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराकर देवी षष्ठी की पूजा करने का सुझाव दिया।इस पावन पर्व की पूजा के लिए गन्ना, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद, हल्दी, मूली, पानी वाला नारियल, अक्षत, अदरक का हरा पाथरडीह पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती, शकरकंदी, सुथनी, मिठाई, पीला सिंदूर, दीपक, घी, गुड़, गेंहू। बहुत काफी जगह में छठ पूजा मनाया गया काफी जनसंख्या में लोग स्त्री व पुरुष बुढ़े बुढ़िया बुजुर्ग नौजवान बच्चे बच्चियों उपस्थित थे। जोशी न्यूज़ रिपोर्टर का खास रिपोर्ट पाथरडीह से मुजाहिद।

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