अंगारपथरा ओपी क्षेत्र में चल रहे अवैध कोयले कारोबार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की*

अंगारपथरा ओपी क्षेत्र में चल रहे अवैध कोयले कारोबार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की*

*नही बंद हुआ अवैध कारोबार तो सबके लिए बढ़ेगी मुश्किलें- ग्रामीण*

*कतरास:*  अंगारपथरा ओपी क्षेत्र के गजलीटांड़ व कांटापहाड़ी में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन कर तस्करी किया जा रहा है। जिससे हालात दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं। कांटापहाड़ी के समीप रहने वाले सैकड़ो लोग इस अवैध खनन से प्रभावित हो रहे हैं। प्रभावित होने वाले लोगों का कहना है कि अवैध खनन के कारण भू-धंसान की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसको लेकर कई बार उन लोगों ने अँगारपथरा सीआईएसएफ कैम्प में एवं अंगारपथरा पुलिस से शिकायत भी किया है। लेकिन अब तक अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लगाया गया है। कार्रवाई के नाम पर महज खाना पूर्ति हो पाती है। जिससे कोयला तस्करों के हौसले बुलंद रहते हैं। वहीं अँगारपथरा ओपी अंतर्गत गजलीटाँड़ के बंद खदान में सिंह जी जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन को गुमराह कर दर्जनों अवैध मुहाने बनाकर हर रोज अवैध रूप से दर्जनों ट्रक कोयला कटवा रहे हैं और लाखों की कमाई कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अगर अवैध खनन बंद नही हुआ तो मुश्किलें बढ़ सकती है। लोग धीरे धीरे आंदोलित हो रहे हैं।
वही सामाजिक कार्यकर्ता संजीत नोनिया ने पूरे प्रकरण को लेकर ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड पुलिस, धनबाद उपायुक्त, धनबाद पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पूछा कि सीआईएसएफ व स्थानीय पुलिस के होते हुए भी हर रोज लाखों रुपये का कोयला कैसे चोरी हो रहा है? क्या इस कोयला चोरी में बीसीसीएल, सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों की संलिप्तता है? क्या इसमें बाघमारा अनुमंडल पुलिस प्रशासन व धनबाद जिला प्रशासन की बदनामी हो रही है? क्या अंगारपथरा ओपी क्षेत्र में चल रहे अवैध कोयला कारोबार पर विराम लगाया जायेगा? सूत्र बताते हैं कि अंगारपथरा ओपी क्षेत्र में सिंह जी और यादव जी की धाक चलती है। दोनों मिलकर पूरे ओपी क्षेत्र में कोयले की धड़ल्ले से लूट कर रहे हैं। लेकिन इनको कौन संरक्षण दे रहा है जिसके कारण स्थानीय पुलिस के हाथ इनके गिरेबां तक नही पहुँच पा रही है या फिर स्थानीय पुलिस अब भी पूरे मामले से अनभिज्ञ हैं। इस सवाल का जवाब तो स्थानीय पुलिस के जिम्मेदार पदाधिकारी ही दे सकते हैं। बहरहाल ग्रामीण अब इंतजार में है कि इन कोयला तस्करों पर पुलिस कब कार्रवाई करेगी।

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