सिंदरी बस्ती के लोगों ने कहा पूरा धनबाद जिला से वोट बहिष्कार होना चाहिए ताकि जितने भी बड़े नेता है और अधिकारी है उल्लू का नींद खोलें।

सिंदरी बस्ती के लोगों ने कहा पूरा धनबाद जिला से वोट बहिष्कार होना चाहिए ताकि जितने भी बड़े नेता है और अधिकारी है उल्लू का नींद खोलें।

*सिंदरी बस्ती वासियों ने नारा दिया, मुलभुत सुविधा नहीं तो वोट नहीं*

*वोट बहिष्कार पर पहुँचे झरिया सीओ*

*जिला प्रशासन एक तरफ मतदान जागरूकता अभियान, दूसरी ओर मतदान का बहिष्कार*

सिंदरी । सिंदरी बस्ती के आमजन जहाँ अपने मुलभुत सुविधा के ना मिलने से लोकसभा के मतदान से अपने आप को पृथक रखने का फैसला किया है, वहीँ सीओ ने जाति, आवासीय एवं जीवन रक्षक योजना पेंशन योजना को लागु करवाने से सर्टिफिकेट बनाने को लेकर सकारात्मक रवैया दिखाया, वहीँ पेय जल पूर्ति, रोजगार के मुद्दे पर अपनी विवस्ता एवं अन्य मामलों को जिला प्रशासन के अंतर्गत कह कर पल्ला झारने का प्रयास कर खानापूर्ति कर मीटिंग से चले गए। वहीँ ग्रामीणों के प्रतिनिधि भक्ति पदो पाल ने जानकारी दिया कि यहाँ विस्थापित, पुनर्वास, रोजगार, पेय जल, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कई मुद्दों को लेकर लगातार प्रयास और लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार के बाद झरिया अंचलाधिकारी राम सुमन प्रसाद की अध्यक्षता में दुर्गा मंदिर प्रांगण में बैठक हुई, जो विफल रही। इस बैठक में सिंदरी बस्ती के लगभग 3000 महिला – पुरुष और नये मतदाता उपस्थित होकर झरिया सीओ को माँगपत्र सौंपा।

झरिया अंचलाधिकारी ने बस्ती वासियों से मतदान करने की गुजारिश की एवं आश्वासन दिया कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद सभी समस्याओं पर सिंदरी बस्ती के वासियों के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी वार्ता करने आएँगे। श्री पाल ने बस्ती वासियों की ओर से सिंदरी बस्ती वासियों को बसे जमीन का मालिकाना हक देने की बात रखी। विदित हो कि बस्ती में स्थापित तीन पंप हाउस से शहर और फैक्ट्री को जलापूर्ति होती है। परंतु बस्ती में जलापूर्ति की समस्या पर वार्ता करने की बात कही गई। उन्हें विस्थापित प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त होने के कारण सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

बताते चलें कि 10 मई को अपने हक अधिकार के लिए बैठक कर मतदान करने पर जल्द निर्णय को लेकर बैठक किया गया था। विगत 15 एवं 16 मई को कोयलाँचल संवाद में बस्तीवासियों की समस्या के कारण वोट बहिष्कार का निर्णय को लेकर समाचार छपा, उसके बाद जिला प्रशासन की तंद्रा टूटी एवं हरकत में आई। 17 मई को बलियापुर प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा और सिंदरी थाना प्रभारी शैलेश कुमार पाण्डेय ने ग्रामीणों से उनकी समस्या की जानकारी प्राप्त की थी।

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