जागो हिन्दुओं जागो,, रजनी प्रभा खौल उठा है पानी सिंधु का,

जागो हिन्दुओं जागो,, रजनी प्रभा
खौल उठा है पानी सिंधु का,


कहती ये कल_कल धारा है
नहीं चढ़ना उसके कंठ मुझे अब
हर एक पाकिस्तानी निर्मम,हत्यारा है,

बार_बार यही दोहराते हो
अब क्षमा_याचना नहीं चलेगी,
तपने लगा है भारतवर्ष अब
लहू के बदले लहू बहेगी,

जाति नहीं धर्म पूछा था
कब तक बंटते,खामोश रहोगे,
षड्यंत्रों में घिरकर मानवता की
उठाते कब तक लाश रहोगे,,

जागो हिन्दुओं,हुंकार भरो अब
बलि वेदी तुम्हें बुलाती है
दुष्टों का सर करने कलम
अपने बरछे_तलवार पीजाती है,

कर दो बंद सभी सीमाएं
फेंकों निकाल हर पाकिस्तानी को
छाने दो नंगा नाच मृत्यु का
गलने दो दुश्मन की जवानी को,,

छीन लिया सिंदूर मांग का
मां की कोख उजारी है
बिलखते बच्चें ये पूछ रहें
क्या अगली हमारी बारी है

तुम दो आश्वाशन हे प्रधान जी
फिर अब न कभी ऐसा होगा
कर के तुम प्रत्यक्ष दिखला जाओ
दुश्मन का हाल 2016 जैसा होगा

उसने विगुल युद्ध का फूंक दिया
सिर कफ़न बांध हम तैयार हैं
मिटा डालेंगे अब उसे भूगोल से
भारतभूमि ही जिसका जीवन आधार है।

रजनी प्रभा
सी/ओ कुंदन कुमार,जारंग गायघाट,मुजफ्फरपुर,बिहार(843118)
चलभाष_9135598597
ईमेल_rajni.prabha22@gmail.com

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