सिंदरी स्थित इंटक कार्यालय में भारत के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष प्रथम 

सिंदरी स्थित इंटक कार्यालय में भारत के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष प्रथम  ओजस्वी उप प्रधानमंत्री ,गृह  एवं सूचना प्रसारण व रियासत मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के 148 में जयंती सद्भावना दिवस एवं प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी लौह महिला भारत के प्रथम यशस्वी महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 38वीं पुण्यतिथि सिंदरी नगर कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में पुष्प माला एवं पुष्पांजलि कर कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई गई जिसका अध्यक्षता नगर अध्यक्ष अजय कुमार ने किया। इस अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल एवं इंदिरा गांधी के द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रियता से की गई कार्यों का संक्षिप्त विवरण एवं आजादी के बाद सरकार में आने के बाद किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया , सभी ने मुक्त कंठ से सरदार पटेल  के बारे में कहा कि उनके कार्यों  का उल्लेख करना कोई साधारण बात नहीं है फिर भी बानगी के रूप में  कुछ बातें हैं सरदार पटेल सफल बैरिस्टर के बावजूद सन 1917 महात्मा गांधी जी का किसानों के पक्ष में सत्याग्रह में शामिल हो अहिंसा की नीति को अपनाया इसके बाद 1917 से 1924 तक अहमदाबाद के प्रथम भारतीय नगर पालिका आयुक्त रहे 1924 से 1928 तक निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष रहे परंतु उन दिनों   मुंबई सरकार गुजरात के किसानों जिनका फसल अधिक वर्षा होने से तबाह हो चुका था उनसे जबरन कर वसूली के विरुद्ध किसानों के पक्ष में बारडोली अभियान का कुशल नेतृत्व कर सहायता नेतृत्व क्षमता  को देखते हुए उन्हीं दिनों इन्हें सरदार ( नेता)की उपाधि मिली आजादी की लड़ाई के दौरान सरदार पटेल कई एक मर्तबा जेल यात्रा किया खासकर आंदोलन के  दौरान सशस्त्र क्रांति के कट्टर विरोधी और गांधी जी के अहिंसा समर्थक थे मंत्रिमंडल के दौरान कई एक रियासत को जो गणराज्य के से अलग-अलग थे उन्हें गणराज में शामिल किया इसके अलावे उनके करती नाम में बहुत सारा कार्य है।
दूसरे विभूति श्रीमती इंदिरा गांधी 1930 के दशक से आजादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू की इस दौरान उन्होंने बच्चों को साफ ले वानर सेवा का गठन किया जिसकी बात गांधी जी के अगुवाई में अहिंसा को अपनाते हुए अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन चलाते रही कई एक मर्तबा उन्हें जेल जाना पड़ा उनका जीवन बहुत ही संघर्षशील रहा बात के दिनों में भारत के पहले महिला प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला जिस दौरान उन्होंने कई एक उल्लेखनीय कार्य का शुरूआत किया जिसे आज भी निरंतर चलाया जा रहा है वैसे श्रीमती गांधी कीर्ति को कुछ वाक्य में लिखना बिल्कुल आसान नहीं है उन्होंने उन सभी कामों को अंजाम दिया जिसकी देश को उन दिनों जरूरत थी मसलन हमारे देश को खाद्यान्न की कमी थी सबसे पहले उन्होंने इस और ध्यान दिया हरित क्रांति के माध्यम से जिसका परिणाम हुआ की बहुत ही जल्द गेहूं चावल कपास दुग्ध जरूर से अधिक उत्पादन होना शुरू हुआ उन दिनों हमारे देश के बच्चों कुपोषण के शिकार हो रहे थे उनके लिए खास कर दूध उत्पादन पर जोर दिया जिसमें सफलता मिली इन सभी कार्यों को देखकर पड़ोसी चीन सहित विश्व के दो महा शक्तियों  की नजर भारत की ओर टिकी हुई थी हमारी उपलब्धियां से जलन हो रही थी जिसके चलते सामरिक मजबूती की आवश्यकता होने लगी उसे मजबूत करने के लिए परमाणु कार्यक्रम चलाकर 1974 में पहले सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण पोखरण में किया गया जिसका नाम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था भारत दुनिया को स्पष्ट शब्दों में बताया की हमारा उद्देश्य शांतिपूर्ण एवं सौभाग्य बना रहे जिसके लिए यह परीक्षण किया गया उन्हीं दिनों भारत परमाणु शक्ति देश बनकर तैयार हो गया सन 1974 में इसके बाद बैंकिंग सेक्टर इंश्योरेंस सेक्टर या कॉल सेक्टर जहां भारत के अधिक लोग कार्य में लगे थे परंतु कार्य अनुकूल उन्हें भुगतान नहीं किया जाता था सभी को एक मर्तबा सरकारी कारण कर दिया गया जो आज हम सबों के सामने बदस्तूर है जिसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय नीतियों में महारत हासिल श्रीमती इंदिरा गांधी पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बात कर बांग्लादेश के रूप में एक देश तैयार की जो आज हम सबके सामने हैं इनके बारे में जितना कुछ लिखा जाए वह कम होगा श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में उपस्थित प्रमुख नेता व कार्यकर्ताओं का नाम इस प्रकार है सर्वश्री विश्वनाथ प्रसाद सिंह विदेशी सिंह सियाकांत दुबे सोमनाथ दुबे मंजूर अंसारी सरदार योगेंद्र सिंह मोहम्मद अमीनुद्दीन गोपाल तिवारी सत्येंद्र सिंह धर्मेंद्र सिंह अजीत कुमार मंडल शैलेश कुमार पंडित   गूडले कुमार  कमलेश तिवारी ललन ठाकुर अध्यक्ष वार्ड 53 चंद्र विजय सिंह शिव शंकर सिंह सुरेंद्र कुमार विनोद रवानी मनोज कुमार बंटी कुमार अताउल विमल ठाकुर के अलावे अन्य लोग शामिल थे सभी लोगों ने अपने प्रिय दोनों नेताओं को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। सधन्यवाद।

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