फिर मिला पत्रकार को गोली मारने की धमकी बलियापुर 

अपराधी बेलगाम, अपराध नियंत्रण में शासन प्रशासन फेल* बलियापुर। जिले में प्रशासन के बेखबरी के कारण अपराध बेलगाम हो चुकी है, साथ सामाजिक अपराध से लेकर अवैध कारोबारियों की भी बोल बड़े निकलने लगे हैँ।


कुछ माह पूर्व बलियापुर के एक पत्रकार को टारगेट कर गोली मार दी गई थी। उस घटना में पत्रकार गंभीर रूप से घायल हुआ एवं इलाज करवा कर वापस आ कर पुनः पत्रकारिता करने लगा, पर उस अपराधी या उससे सम्बंधित किसी को भी आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया। पूर्व की भांति ही एक बार फिर अवैध कारोबारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है, जिसका कारण प्रशासन की निक्कमेपण को दर्शाती है। कहावत यहाँ चरितार्थ होता है कि *जब साइयाँ भये कोतवाल तो फिर डर काहे का।*


बलियापुर क्षेत्र से प्रिंट मीडिया एवं सेटलाइट चैनल के लिए लगभग एक दशक से उमेश चौबे कार्य कर रहे हैँ एवं जिले में कई पत्रकार संगठन भी उन्हें जानती है, जिसके कारण वे लोकप्रिय हैँ। उमेश चौबे का पत्रकारिता के साथ अपना एक सामाजिक दायरा भी है। श्री चौबे ब्राह्मण समाज के प्रवक्ता भी हैँ। बीती रात श्री चौबे एक बर्थड़े पार्टी आयोजन से लौट रहे थे कि झारखण्ड नंबर की एक मालवाहक 407

गाड़ी गलत साइड से ऑल्टो कार के सामने आ गई एवं उठा कर पटक देने के बाद जान से मारने की धमकी दे डाली, जो मनबढू होने की निशानी है। वही सूत्रों की माने तो परसबनिया, , कुशमाटांड उत्क्रमित विद्यालय के पीछे, पारबाद पानी टंकी संदीप अग्रवाल, संजय हार्डकोक आदि जगहों पर अवैध कोयले का भंडारण एवं रात के अँधेरे में पिकअप वैन एवं 407 से ट्रांसपोर्टिंग की जाती है। सूत्रों की माने तो सीओ, डीएसपी, स्थानीय प्रशासन कोई भी अवैध कोयले के कारोबार से अछूता नहीं है, सभी को पुष्ट जानकारी है कि कौन इस अवैध कारोबार का संचालक है। अतः पूर्व में घटित घटना की फिर से पुनरावृति ना हो इसके लिए प्रशासन सभी बिन्दुओं को ध्यान रखते हुए अपनी पैनी नजर उन मनबढू अवैध या वैध कारोबारियों पर रखते हुए जल्द से जल्द वैसे लोगों की लिस्ट बनाकर जेल का हवा खिलाए, ताकि दुबारा ऐसे कार्य को करने से पहले सौ बार अपराधीवर्ग सोचें। प्रशासन के अपर अधिकारीयों से भी प्रिंट मीडिया के द्वारा उमेश चौबे अनुरोध किए हैँ कि पत्रकार देश का चौथा स्तम्भ है, अगर वही सुरक्षित नहीं तो आमजन की सुरक्षा के बारे में क्या कहा जा सकता है।

 

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