*झारखण्ड के सरकारी स्कूल के बच्चों का भविष्य अंधकारमय* धनबाद।

*झारखण्ड के सरकारी स्कूल के बच्चों का भविष्य अंधकारमय* धनबाद।

मनुष्य के कुछ मुलभुत सुबिधावों में शिक्षा सबसे अव्वल दर्जे पर रखा गया है। झारखण्ड सरकार शिक्षा के पीछे खर्च भी कर रही है। विद्यालय में बॉउंड्री, शौचालय, बैठने के लिए बैंच, टेबल, पीने का पानी, मध्यान भोजन आदि पर स्कूल में बच्चे उपरोक्त सुबिधाओं को प्राप्त करने नहीं बल्कि पढ़ने जाते हैँ और विद्यालय में हमेशा शिक्षक की कमी रहती है। किसी विद्यालय में विज्ञान, किसी में अंग्रेजी, किसी में हिंदी तो किसी में गणित आदि के शिक्षक होते ही नहीं हैँ। ये किसी एक बिद्यालय का हाल नहीं है और इससे जिले एवं राज्य के सभी आला अधिकारी वाकिफ भी हैँ, पर कोई इसके लिए सकारात्मक सोच नहीं है, जिससे जान पड़ता है कि राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं इससे सम्बंधित अधिकारी कान में तेल डाल कर सो गए हों। दिन प्रतिदिन शिक्षा का अस्तर गिरता जा रहा है, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय जान पड़ता है। कुछ सामाजिक कार्यकर्त्ता ने कहा कि आनेवाले वक्त में असमाजिक तत्वों को जन्म देने का काम इन्हीं सरकारी स्कूल को चलानेवाले आला अधिकारीयों के मत्थे होगा ऐसे ही एक स्कूल है राजकीयकृत डी.ए.वी. उच्च विद्यालय टासरा झरिया-2, धनबाद जो कि इसमें भी आए देना देखा जाए तो शिक्षकों का कमी से स्कूल जूझ रहा है जब यह कोई भी स्कूल का हमने बच्चा को जब पूछा बच्चा यह अंग्रेजी में क्या लिखा हुआ मगर 10 क्लास का बच्चा भी अंग्रेजी सही से पढ़ नहीं पाया और हिंदी भी इतना कमजोर है जो की बातें जाने दीजिए क्या बच्चा के लोग भविष्य बना रहे हो और बिगाड़ रहे हैं ऐसा शिक्षा पदाधिकारी लोगों को केंद्र सस्पेंड कर देना चाहिए

 

 

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