अद्भुत : केरल का श्री देवी मंदिर जहां चामयविलक्कू पर्व पर पुरुष महिलाओं की तरह सज-धजकर, साड़ी पहनकर करते हैं पूजा!*

*अद्भुत : केरल का श्री देवी मंदिर जहां चामयविलक्कू पर्व पर पुरुष महिलाओं की तरह सज-धजकर, साड़ी पहनकर करते हैं पूजा!

*केरल :* केरल में एक ऐसा त्योहार मनाया जाता है, जहां हर साल पुरुष महिलाओं का रूप धारण कर श्रृंगार के साथ दिखते हैं। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई त्योहार होगा, जिसमें पुरुष महिलाओं के कपड़े पहनते हो। चलिए आपको इस त्योहार के बारे में बताते हैं।
यूं तो आपने बॉलीवुड या सीरियल में आपने कई पुरुषों को महिलाएं बनते हुए देखा होगा या महिला बनकर एक्टिंग करते हुए देखा होगा, लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है, जहां पुरुष असल में महिलाओं की साड़ी पहन मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं, ये सुनकर आप खुद हैरान रह गए होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। तो हम आपको बता दें, ये एकदम सच है। केरल में एक ऐसा त्योहार मनाया जाता है, जहां हर साल पुरुष महिलाओं का रूप धारण कर श्रृंगार के साथ दिखते हैं। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई त्योहार होगा, जिसमें पुरुष महिलाओं के कपड़े पहनते हो। चलिए आपको इस त्योहार के बारे में बताते हैं।
*कोट्टंकुलंगारा में है श्री देवी मंदिर :*
कोल्लम में कोट्टंकुलंगरा श्री देवी मंदिर में चामयविलक्कू का त्योहार मनाया जाता है, जो कि केरल का एक बेहद ही अनोखा त्योहार है। यह मार्च के महीने में 10-12 दिनों के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है, आखिरी दिन में पुरुष महिलाओं के कपड़े, ज्वेलरी, चमेली का फूल जैसी चीजों से सजते हैं, यहीं नहीं इस फेस्टिवल के लिए वो अपनी मूंछ-दाढ़ी भी हटवा देते हैं। इस दिन पुरुष मंदिर से 5 किमी की सीमा से दर्शन करते हैं। केरल और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से कई पुरुष भगवान को खुश करने के लिए यह आते हैं। यही नहीं ट्रांसजेंडर समुदाय भी पूरे जोश के साथ उत्सव में भाग लेते हैं।
*कोट्टंकुलंगारा चामयविलक्कू की कहानी :*
माना जाता है कि ग्वालों का एक समूह, लड़कियों के वेश में, एक पत्थर के चारों ओर घूमता था, जिसे वे धीरे-धीरे उसे भगवान मानने लगे। एक दिन, देवी स्वयं पत्थर से उनके सामने प्रकट हो गई। इस घटना की खबर, गांव में फैल गई और और पत्थर को दैवीय इच्छा मानते हुए, यहां एक मंदिर बनवा दिया गया। इसी तरह, पुरुषों की महिला पोशाक में खुद को तैयार करने की परंपरा ने जन्म लिया। अब, हर पुरुष देवी को प्रसन्न करने के लिए और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए पुरुष हर साल महिला वेश में मंदिर में चमयाविलक्कू (पांच बत्ती से जलाया गया दीपक) की प्रक्रिया करते हैं। प्रस्तुति: दिलीप अंजाना
*मंदिर में मेकअप आर्टिस्ट करते हैं पुरुषों को तैयार :*
ये त्यौहार केरल के कोल्लम जिले में मौजूद कोट्टंकुलंगार श्री देवी मंदिर में हर साल मनाया जाता है। इसे चमायाविलक्कू के नाम से जाना जाता है। इस दौरान पुरुष महिलाओं की तरह साड़ी और गहने पहनते हैं। आपको मंदिर परिसर में ही मेकअप आर्टिस्ट या परिवार के सदस्य दिख जाएंगे जो पुरुषों को तैयार करते हैं।
*मंदिर कब जाएं :*
मार्च के महीने के दौरान आप दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। मंदिर के दर्शन के लिए शुभ समय 2 बजे से सुबह 5 बजे तक है। पर्यटक मंदिर के बाहर मौजूद दुकानों पर किराए पर चमयाविलक्कू खरीद सकते हैं। साथ ही महिलाओं जैसा रूप धारण करने के लिए आपको आसपास यहां कई पार्लर भी दिख जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि आस्था हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को कोट्टंकुलंगारा श्री देवी मंदिर की ओर आकर्षित करती है।

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