बीआईटी में हॉस्टल निर्माण मीटियुक्त बालू से* बीआईटी। बीआईटी सिंदरी

*बीआईटी में हॉस्टल निर्माण मीटियुक्त बालू से* बीआईटी। बीआईटी सिंदरी

इंजिनियरिंग कॉलेज का नाम पुरे देश में उसके पढ़ाई एवं उसके बाद प्लेसमेंट को लेकर है। वर्ष 2022 से बीआईटी के हॉस्टल नंबर 26 के पीछे लगभग 87 करोड़ और देशबंधु हॉल के पीछे भी लगभग 87 करोड़ की लागत से हॉस्टल बनाने की बात है, जो एक सराहनीय कार्य है। किन्तु इंजिनियरिंग कॉलेज के बच्चों को दामोदर नदी की मीटियुक्त बालू से कंस्ट्रक्शन होना पूर्णतः नीव को कमजोर एवं बराकर बालू की जगह इस्तेमाल करने से बीच का मुनाफा अपने लोगों के साथ बन्दर बाँट होना एक बहुत ही कमजोर कंस्ट्रक्शन और कमजोर नियत का होना जान पड़ता है। इतना ही नहीं दोनों साइटों पर बालू कहीं का तो चलान कहीं का फाइल किया हुआ है। पूर्णतः अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत सार्थक होती दिख रही है।इस साईट कोई भी अधिकारी जाँच के लिए नहीं आते क्योंकि उनलोगों के जेब और मुँह नोटों से भर दिया गया है। इतना ही नहीं अगर सही से बालू, सीमेंट एवं गिट्टी का चलान का जाँच किया जाए तो सभी तुम्बाफेरी का पोलखोल हो जाएगा। वहाँ प र कार्य करनेवाले कुछ मजदूरों ने जानकारी दी कि महिलाओं से रात्री के आठ बजे तक कार्य लिया जा रहा है, जो नियम संगत नहीं है। इतना ही नहीं सही तरीके से जाँच के बाद बहुत से मजदूर को सही मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। इतना ही नहीं धनबाद जिला के नगर निगम क्षेत्र में बॉरिंग करना अपराध है और पिछले लगभग दो महीने के अंदर आधा दर्जन बॉरिंग मेसर्स का द्वारा करवा दिया गया, जिसके लिए नगर निगम के अधिकारी भी पहुँचे और अपना जेव गरम कर चलते बने। इसलिए जिला के अधिकारी का औचक निरिक्षण होना बीआईटी कैंपस में निहायत जरुरी है, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उपरोक्त छलाव ठेकेदार मेसर्स निरजन राय कन्सट्रक्शन कम्पनी द्वारा किया जा रहा है, जिसकी जाँच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई किया जाय। वही हम बताते चले बीआईटी में बाद से बड़ा फंडिंग पास होता है ताकि छात्रों को पढ़ने में दिक्कत ना हो मगर वहीं पर देखा जा रहा तो बीआईटी में भी बंदर बांट के बहुत बड़ा घोटाला चल रहा है कब तक बीआईटी कंस्ट्रक्शन लाइन में बंदर बात चलेगा एक सोने का विषय बना हुआ है

 

 

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