प्रदूषण से लोग हैं परेशान स्थानीय लोगों ने किया रोड जाम कौन है जिम्मेवार.

प्रदूषण से लोग हैं परेशान स्थानीय लोगों ने किया रोड जाम कौन है जिम्मेवार

*प्रदुषण, घटिया सडक एवं निम्नस्तरीय नाली के काम को लेकर गौशाला के लोग गोलबंद* सिंदरी। झारखण्ड के प्रमुख औद्योगिक शहरों में मशहूर धनबाद जिला के सिंदरी का नाम एशिया पटल में अंकित है। एशिया पटल में अंकित शहर सिंदरी आजकल अपने प्रदुषण एवं घटिया सडक के लिए धीरे – धीरे बिख्यात हो रहा है। एक समय था जब सिंदरी शहर की ओर से मुश्किल से सैकड़ों बड़ी मालवाहक गाड़ियाँ गुजरती थी, पर अब हजारों मालवाहक गाड़ियाँ दिन रात सिंदरी की सड़कों से होकर गुजरती हैँ। सिंदरी शहर के अंतर्गत चार मुख्य औद्योगिक संस्थान हैँ, जो टासरा प्रॉजेक्ट जो सेल का है, हर्ल खाद कारखाना, एसीसी सीमेंट फैक्ट्री एवं एक मिलिजुली सिंदरी बस्ती के समीप औद्योगिक एरिया है। उक्त चारों जगहों पर प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ियों की आवाजाहि है, किन्तु इन चारों औद्योगिक प्रतिष्ठिनों की अपनी कोई नैतिक, सामाजिक जिम्मेदारी नहीं है। सबसे पहले एसीसी जो की कभी एक यूनिट के साथ कार्य करता था, अब तीन यनिट हो जाने के वाबजूद शहर के प्रति कोई खास जिम्मेदारी नहीं निभाता। दूसरी है हर्ल, जो एसीसी के पदचिंन्नों पर चलते हुए अपने आप को शहर एवं शहर की जिम्मेदारियों से विमुख रहता है, तीसरी है टासरा प्रॉजेक्ट जो अभी पनप रहा है अर्थात जिसकी अभी सही से सुरुवात नहीं हुई है, इसलिए इसे अभी सुरुवाती दौर में राहत दिया जा सकता है पर छोड़ा नहीं जा सकता, क्योंकि इसके पास भी सीईआर फण्ड होता है, जिसे सामाजिक कार्यों में खर्च कर सकते हैँ। चौथा है औद्योगिक क्षेत्र को सिंदरी बस्ती के समीप बसा है, जिसकी अभी तक कोई भी शहर के प्रति जिम्मेदारी नहीं देखी गई, साथ हि यहाँ से साल के कड़ोरों रूपये कमानेवाले भी साफ तरीके से अपनी जिम्मेदारी से अपने आप को दरकिनार किए हुए हैँ, जो साफ तौर पर गलत हैँ। सडक पर प्रदुषण का मलाले के कारण मंगलवार को गौशाला के लोग एवं दुकानदार गोलबंद हुए, कारण दिनभर सडक क़ी धूल – गंदगी से प्रत्यक्ष रुप से सामना इन्हें हि करना होता है। धूल – गंदगी की बात जैसे हि आती है, सबकी निगाह एवं भोवें तन जाती है अशोक जिंदल एवं उनके लोगों पर, क्या ये सही है कि करे कोई और भरे अशोक जिंदल एवं उनके लोग! साफ तौर पर उपरोक्त सभी लोग अपनी जिम्मेदारी का वहन नहीं कर रहे, जिसके फलस्वरूप सडक, नाली एवं गंदगी जैसी विकट समस्याओं से आमनागरिक को सामना करना पड़ रहा है और जिम्मेदार लोगों साफ अपना दामन बचा कर निकल जा रहे हैँ। परंतु अब सामाजिक, प्रबंधक एवं प्रशासनिक अधिकारीयों को जवाब देना होगा कि आखिर क्यों इन खून चूसनेवाले भेड़ियों को बख्स रहे हैँ? क्यों नहीं इनलोगों पर मनावधिकार का अवहेलना का केस किया जाता? क्यों नहीं ऐसे कमज़रफोँ को सामाजिक अपराध के लिए नाययपालिका के सम्मुख खड़ा किया जाता? कब तक आमलोग हक के लिए सडक पर उतरेंगे, क्यों? क्यों नहीं सभी अपने कर्तब्यों का वहन खुद करते? घटिया सडक की जहाँ तक बात है दरोगा प्रधान कंपनी के लोग कान में तेल डाल कर सो गए हैँ अपनी नौशीखिया टीम को कार्य पर लगाए हुए हैँ। उनके साईट पर के लोगों से वर्कआर्डर मांगने पर उनके पास वर्कआर्डर का ना होना, साईट पर इंजिनियर का ना होना, सडक बनने से पूर्व ब्लॉक कटिंग का ना होना, पहले के सडक के ऊपर पुनः सडक ढाल देना, कितने क्विंटल का सडक बनाने का आर्डर से सम्बंधित प्रश्न करने पर मुकदर्शक बन जाना आदि सवाल है।ऐसे सैकड़ों अनसुलझे सवालों के साथ गौशाला के लोग सडक पर उतरे और गौशाला ओपी के एएसआई जयमशीह लकड़ा के आश्वासन के बाद सभी गौशाला वासी सडक से अपने कामों पर चले गए, किन्तु ये एक सुरुवात है, अगर जिम्मेदार लोगों के कान इस गोलबंद के बाद भी नहीं खुले तो कान फाड़नेवाली गूंज के लिए तैयार रहें।

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