जन लोग कर रहे प्रदुषण के खिलफ आंदोलन, सामाजिक एवं राजनैतिक पार्टी मुकदर्शक* सिंदरी।

जन लोग कर रहे प्रदुषण के खिलफ आंदोलन, सामाजिक एवं राजनैतिक पार्टी मुकदर्शक* सिंदरी।

बुधवार को दो घंटे की सडक जाम के बाद झरिया सीओ एवं गौशाला ओपी के एएसआई जयमसीह लकड़ा के आश्वासन के वाबजूद बृहस्पतिवार को सडक पर पानी छिड़काव अर्थात स्प्रिंगकल नहीं किया गया, जो शर्मनाक है किसी भी अधिकारी के लिए। जैसा कि पहले ही लिखा गया कि दरोगा प्रधान की नौशीखिया टीम पूरी तरह से दरोगा प्रधान प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैकलिस्टेड करवा कर छोड़ेगी। दरोगा प्रधान के कर्मचारी का कहना है कि जब तक हमलोगों को आर्डर नहीं मिलेगा तो अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर सकते, जबकि वहीँ पर कर्मचारी लोग गुटका, खैनी आदि खाते रहते हैँ, पर कार्य नहीं करते।
उपरोक्त स्थित को देख जान पड़ता है कि औद्योगिक नगर सिंदरी दलालों, चारुरकारों एवं स्वार्थीयों से भरी दिख रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री जो प्रदुषण के खिलाफ एक आंदोलन सा चला रखे हैँ, वही धनबाद जिले के अंतर्गत आनेवाली सिंदरी पूर्णतः प्रदुषनमय हुई पड़ी है। सिंदरी की जो भौगोलिक स्थिति 2016 से पहले थी, पिछले पाँच वर्षों से अद्भुत तरीके से बदल चुकी है। झरिया – सिंदरी – बलियापुर मुख्य मार्ग पर दिन भर जो सैकड़ों गाड़ियों का परिचलन था वों बढ़ कर हजारों हो चकी है। पहले साधारणत्या कुछ बड़ी गाड़ियों का परिचलन था, जो अब मुख्य रूप से बड़ी गाड़ियों का ही परिचलन है। पहले जो एसीसी का एक यूनिट था जो बढ़ कर तीन यूनिट हो चूका है। पहले अगर दिन भर में 150 ट्रक या बुलगर या हाईवा का परिचलन था जो बढ़ कर अब लगभग 500 गाड़ियाँ हो चूका है। इसी तरह से हर्ल, टासरा और सिंदरी बस्ती के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र का भी वाहन का परिचलन का दवाब सडक पर ही पड़ता है और लगातार निम्नस्तरीय सडक के बनने के कारण सड़क अपने नियत समय से पहले ही जर्जर हो जाता है। सडक से सम्बंधित अधिकारी जैसे इंजिनियर, साईट सुपरवाइजर, डीसी आदि आला अधिकारी मौके से नदारत रहते हैँ और सडक निर्माणकर्ता “अपनी डपली, अपना राग” अलापते हुए घटिया कार्य करता रहता है। कहावत भी है कि जिस पौधे को माली की सही देखभाल नहीं मिलती वो पेड़ टेढ़ा – मेढ़ा, दिशाहीन हो जाता है। फिलहाल दरोगा प्रधान प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा बनाई जानेवाली सडक में चाइनीज अल्कतरा का प्रयोग हो रहा है, सड़क पर रोलिंग नहीं के बराबर हो रहा है जो सिंदरी बस्ती से बलियापुर की ओर बढ़ने पर देखा जा सकता है। साथ ही बहुत जगह सडक पर ही सडक ढाल दिया गया है, जबकि सड़क निर्माण से पहले बॉक्स कटिंग होना, बोल्डर पर रोलिंग होना फिर पिच करना, उसके बाद फाइनली पिच होना होता है जो कहीं भी नहीं देखा जा सकता। उपरोक्त गतिविधि के कारण सडक जर्जर और फिर से प्रदुषण के शिकार होंगे आमजन। गौशाला निवासी एवं दुकानदारों का एक ही नारा है कि दलालों, चाटुरकारों एवं अवसरवादियों से परहेज करते हुए जो वर्कआर्डर है, उसके मुताबिक कार्य हो। पैसा किसी के जेब से नहीं बल्कि टैक्सपेयर्स लोगों का है तो उसका आपस में बंदरबाँट ना करें, नहीं तो मजबूरीवस अपने अधिकार और अपनों की सुरक्षा के लिए प्रदुषण से बचाव के लिए सडक पर आना होगा। जन विकास संगठन के सचिव नरेन्द्र भाई किशोर भाई जोशी ने कहा कि शुक्रवार को अगर सुबह से सडक पर पानी छिड़काव नहीं हुआ तो इस बार मैं सड़क जाम करूँगा और फिर आरपार की लड़ाई आमजनों की आमजन लड़ेगा। आमजनों में अभिषेक सिंह उर्फ रॉकी ने कहा कि मुलभुत सुबिधावों में सडक आती है, जो पूर्व में एक बार बनता था तो 10 से 12 साल तक टिकता था, वही अब दो से अढ़ाई वर्ष में सडक दम तोड़ देता है और फिर धूल – गर्दा से आमजन परेशान रहते हैँ और कमीशनखोर नदारत। गौशाला के दुकादारों ने कहा कि खानेपीने के समान को ढँकने के वाबजूद उसमें धुलकण का अवशेष आ जाता है, जो हमलोगों के लिए विकट समस्या है। गौशाला निवासी का कहना है कि पहले झरिया के बारे में हमलोग बोलते थे कि उजला कपड़ा पहन कर मत जाना, पर अब गौशाला बाजार में दो से तीन घंटे केवल खड़े रहें, उजला कपड़ा कोलयरी के मजदूरों जैसा दिखने लगता है, जो भविष्य में अनेकों बीमारी का घर होने वाला है। जिला के अपर अधिकारी इस मुद्दे को नजरअंदाज कर बस बड़ी दुर्घटना के घटने का इंतजार कर रहे हैँ, जो बहुत ही संकुचित एवं लापरवाही वाली नियत के लोग जान पड़ रहे है, जो भयावह भविष्य का निर्माणकर्ता की भूमिका निभा रहे है, जो असहज एवं असामान्य लगता है।

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