कब मिलेगा इंसाफ-श्वेता रश्मि रोहित सेठ

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रोहित सेठ

विभूति भूषण सिंह हत्याकांड को पूरे 2 साल हो गये, CBCID जांच चल रही है FIR में नामजद महादेव विद्यालय के प्रबंधक अजय सिंह और आरोपियों को बचाने के लिए सत्ता पक्ष से जुड़े एक मंत्री के इशारे पर लीपापोती की कोशिश हो रही है। विभूति भूषण सिंह की हत्या की पूर्व संध्या में ये संजीदा विषय आप सभी के ध्यानार्थ –

डॉ शशिकांत सिंह पी.जी. कॉलेज के पूर्व प्रबंधक एवं समाजसेवी/ जिला सचिव (सक्षम ) की हत्या 10 फरवरी 2022 की सुबह पुलिस लाइन ग्राउंड के बाहर गाड़ी की टक्कर का इस्तेमाल करके कर दी गई। इसकी पंजीकृत नामजद FIR कैंट थाना में दर्ज है। और वर्तमान में इसकी विवेचना CBCID की प्रयागराज यूनिट के द्वारा की जा रही है। इस जांच को पहले वाराणसी यूनिट को सौंपा गया था। जिसे आरोपियों के द्वारा भ्रष्टाचार के जरिये मैनेज कर लिया गया था। इसलिए जांच को तत्कालीन DG CBCID महानिदेशक के समक्ष साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करने पर ट्रांसफर करके प्रयागराज यूनिट को सौंपा गया था। तत्कालीन IO मोहित यादव को यहाँ से हटा कर बरेली भेज दिया गया।

लेकिन वर्तमान में जांच एजेंसी को आरोपी अपने सत्ता के घनिष्ठ संबंध और रसूख के इस्तेमाल के द्वारा प्रभावित करके बचने की कोशिश कर रहे है। इस घटना के बाद से आरोपियों के द्वारा पीड़ित परिवार को दबाव और अन्य उपक्रमों के माध्यम से इस हत्या में चुप कराने की कोशिश हो रही है। माननीय उच्च न्यायालय में भी इस संबंध में कारवाई जारी है। अब इस जांच में विवेचक की रिटायरमेंट हो गई इस जानकारी को वादी और पीड़ित परिवार से छुपाकर रखा गया। मामलें को धीमा करने और आरोपियों को बचाने के लिए लगातार लोगों का दबाव लगाया जा रहा है। आखिर क्यों मामलें में निष्पक्ष तरीके से विवेचना नहीं कि जा रही है। हत्या के पहले भी विभूति भूषण को जान से मारने की धमकी मिलती रही है। हत्या की जड़ बड़ा फर्ज़ीवाड़ा और मान्यता से संबंधित कूटरचित कागज़ों का इस्तेमाल किया गया। और इसी से संबंधित सभी न्यायलय में दाखिल मुकदमों में विभूति भूषण सिंह परिवार की तरफ से पैरवीकार थे। अजय सिंह और अन्य आरोपियों के द्वारा उनको देख लेने की धमकी मिल रही थी। लेकिन विभूति की हत्या करवा दी गई। पीड़ित परिवार को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है और मामलें में आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। सभी आरोपियों के द्वारा जांच एजेंसी को सत्ता पक्ष के साथ जुड़ाव और एवं मंत्रियों के साथ घरेलू संबध बात कर प्रभावित किया जा रहा है। इस मामलें को लेकर सभी कार्यालय और मुख्यमंत्री तक को अर्जी दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अपने संसदीय क्षेत्र में कानून व्यवस्था की ऐसी गत होगी इसका अंदाजा नहीं था।

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