धनबाद के गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में 3 से 4 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला हु 

धनबाद: केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर घोटाले में चौंकानेवाला खुलासा! जांच के साथ बढ़ती जा रही है राशि,पढ़िए कितनी बारिकी से किया गया घोटाला

धनबाद के गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में 3 से 4 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला हु

आ है.यह राशि और अधिक हो सकती है. इस घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है ,प्याज के छिलके की भांति घोटाले बाजों की करतूत सामने आ रही है. सवाल उठता है कि घोटाला करने वाले डाकघर को ही क्यों टारगेट करते हैं ?क्या सिस्टम में ऐसी कोई कमजोरी है,जिसका लाभ वह उठाते हैं या फिर जांच की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि बहुत कुछ हो जाने के बाद अधिकारियों को पता चलता है. फिलहाल विभागीय जांच चल रही है और उसके बाद हो सकता है कि इस पूरे मामले को सीबीआई के हैंडोवर कर दिया जाए. विभागीय जांच में यह भी हो सकता है कि आरोपियों के खिलाफ सबूत तैयार कर सीबीआई को मामले को हैंडोवर कर दिया जाए.उ प डाकघर से एसबीआई,एक्सिस,एचडीएफसी,बंधन बैंक से करोड़ों की निकासी की गई है

जानकारी के अनुसार फिलहाल के पॉलिटेक्निक उप डाकघर के अब तक 49 खाते फ्रीज कर दिए गए हैं. उप डाकघर से एसबीआई , एक्सिस ,एचडीएफसी, बंधन बैंक सहित अन्य बैंकों में करोड़ों की राशि भेज कर निकासी की गई है. कुछ बैंक खातों में लाखों रुपए पड़े हैं, जिसे फ्रीज कर दिया गया है. उप डाकघर के प्रभारी सहायक पोस्ट मास्टर का तबादला कर दिया गया है. लेकिन उन्होंने अब तक योगदान नहीं किया है .सूत्र बताते हैं कि उप डाकघर के खाते के मंथली रिटर्न की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ है. जांच में राशि निकासी से संबंधित अकाउंट में गड़बड़ी पाई गई है. जांच जब शुरू हुई तो अन्य मामले भी पकड़ में आए हैं. जिनमें कुछ राशि की रिकवरी भी हुई है. इस घोटाला की वजह से हेड पोस्ट ऑफिस से लेकर अन्य डाकघर में हड़कंप मचा हुआ है.

धनबाद हेड पोस्ट ऑफिस में भी पहले इस तरह के घोटाले के मामले सामने आ चुके हैं

सूत्र बताते हैं कि घोटाले की राशि अगर 10 करोड रुपए तक पहुंच जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं. धनबाद हेड पोस्ट ऑफिस में भी पहले इस तरह के घोटाले के मामले सामने आ चुके हैं. आखिर क्या वजह है कि घोटाला करने वाले डाकघर को ही कोई टारगेट करते हैं. सूत्रों के अनुसार चुनिंदा खातों में राशि जमा कर उसे चेक में दिखा दिया जाता था. ताकि राशि ट्रेजरी में जमा नहीं करनी पड़े. साथ ही राशि को बैलेंस करने के लिए कैश को चेक में कन्वर्ट कर दिया जा रहा था. यह घोटाला सिस्टम पर एक बड़ा सवाल है. लोग अपनी गाढ़ी कमाई सुरक्षित समझ कर पोस्ट ऑफिस में भी जमा करते हैं .खासकर रिटायर्ड लोगों की पहली पसंद आज भी डाकघर के खाते ही हैं. लेकिन एक से एक घोटाले सामने आने के बाद किसी का भी विश्वास डगमगा सकता है. देखना होगा कि घोटाले की राशि कितनी तक पहुंचती है .वैसे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह राशि 10 करोड रुपए तक पहुंच सकती है.

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