कल बीआईटी में सरहुल पूजा हर्षोल्लास के साथ , मनया गया। सरहुल पूजा झारखंड और छत्तीसगढ़

कल बीआईटी में सरहुल पूजा हर्षोल्लास के साथ , मनया गया। सरहुल पूजा झारखंड और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में आदिवासी समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो प्रकृति के प्रति श्रद्धा और नवजीवन के उत्सव का प्रतीक है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन और साल वृक्ष के फूलों के खिलने की खुशी में मनाया जाता है।

एमसी ग्राउंड में बीआईटी कल्चरल सोसाइटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हमारे माननीय अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके बाद पारंपरिक आदिवासी नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें संस्थान के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।

 

हमारे माननीय अतिथियों— डॉ. आर.के. वर्मा सर, डॉ. अजय उरांव सर प्रोफेसर डीके तांती सर और प्रोफेसर डॉ. उपेन्द्र प्रसाद सर, डॉ. जीतू कुजूर सर, डॉ. निशिकांत किस्कू सर, डॉ. राजेंद्र मुर्मू सर, और डॉ. संग्राम हेम्ब्रोम सर—की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी ज्ञानवर्धक और रोचक बना दिया। कार्यक्रम का समापन बीआईटी कल्चरल सोसाइटी के अध्यक्ष देवेश बिरसा पाहन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ सफलतापूर्वक हुआ।

सादर,

बीआईटी कल्चरल सोसाइटी

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