गुंडागर्दी क्या होता है, मेरे परिवार को कोई ना बताए : सिद्धार्थ गौतम* सिंदरी। टासरा

*गुंडागर्दी क्या होता है, मेरे परिवार को कोई ना बताए : सिद्धार्थ गौतम* सिंदरी। टासरा

खुला प्रॉजेक्ट के अंतर्गत आनेवाला आर्य समाज मंदिर में अपने अभिभाषण में सिद्धार्थ गौतम ने कहा कि जनता मजदूर संघ यूनियन की स्थपना वर्ष 1977 में हुआ था। उस वक्त से आज तक मेरा परिवार मजदूरों के लिए ही लड़ाई लड़ रहा है। टासरा प्रॉजेक्ट में सिद्धार्थ गौतम के आने के बाद ग्रामीणों ने उनका अभिनन्दन फूलमालों से किया। उसके बाद सभी ने अपने भाषण में पूर्व की कंपनियों एवं वर्तमान की कंपनी से केवल आश्वासन ही मिलने की बात कही। कभी भी सेल या केटीएमपीएल ने अपनी बातों से ग्रामीणों को स्पष्ट नहीं किया कि किस योजना के अंतर्गत आपको विस्थापित किया जा रहा है और पूर्व के लगभग 115 विस्थापित लोगों को ही जब अभी तक मकान एवं सीएसार फण्ड के अंतर्गत अन्य सुबिधा दी है तो लगभग 220 एकड़ के विस्थापितों को क्या दे पाएगी। कंपनी को दलालों से हट कर केवल विस्थापित ग्रामीणों से बात करनी चाहिए और उनको संतुष्ट करना चाहिए। जनता मजदूर संघ जब मैदान में उतरी है तो आर – पार की लड़ाई होगी। मैं टासरा के ग्रामीणों के साथ तन, मन एवं धन के साथ खड़ा हूँ। अभी तक मैं समवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ रहा हूँ। मुझे कुछ भी बोलने की कहीं भी आवश्यकता नहीं होती है, बस मेरे कार्यकर्त्ता एवं पदाधिकारी कॉल करते हैँ और काम हो जाता है। श्री गौतम ने कहा कि प्रत्येक टासरा – रोड़ाबांध के ग्रामीण मेरे परिवार की तरह हैँ और मुझे खुशी हो रही है कि अब मेरा परिवार और भी बड़ा हो गया। आप सबों की हर तरह की जरुरत में मैं हमेशा खड़ा रहूँगा चाहे रात के 2 बज रहा हो। श्री गौतम ने आगे कहा कि लड़ाई में कुछ भी हो जाए अब पीछे नहीं हटना है या तो कंपनी आपको आपका हक देगी नहीं तो बोरिया बिस्तरा बांध कर घर। मंचासीन लोगों में केंद्रीय सचिव रूद्र प्रताप सिंह, संजीत सिंह, हेमंत पासवान, विरजू सिंह, मालती देवी, अरबिंद कुमार साव, विकास कुमार, विजेंद्र यादव आदि लोग उपस्थित थे।

जनता मजदूर संघ कुंती गुड बिरजू सिंह अध्यक्ष रमेश सिंह सचिव दीपक सिंह डब्लू सिंह अरविंद साहू विकास सिंह कैनआई सिंह विक्की सिंह विजय मंडल रवि प्रकाश कुशवाहा अभय सिंह धनराज सिंह सैकड़ो ग्रामीण थे।

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