टासरा प्रोजेक्ट का जमसं ने किया 7 घंटे जाम, आचार संहिता के बाद हटा बंदी

टासरा प्रोजेक्ट का जमसं ने किया 7 घंटे जाम, आचार संहिता के बाद हटा बंदी

रैयतों के साथ हैं, परंतु बाहरी किसी दलों से वार्ता नहीं करेंगे – टी रमेश

सिंदरी । टासरा प्रोजेक्ट की 224 एकड़ भूमि एकमुश्त अधिग्रहण व नियोजन सहित 13 सूत्री मांगों को लेकर जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) ने टासरा प्रोजेक्ट को शनिवार को लगभग 7 घंटे बंदी किया। चिलचिलाती गर्मी में भी टासरा प्रोजेक्ट के दर्जनों महिला पुरुष प्रोजेक्ट को बंद कर बैठे रहे। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी सह दण्डाधिकारी डॉ अभिषेक सिंह मुंडा को पत्र देकर जमसं ने आंदोलन समाप्त किया।
पूर्वघोषित कार्यक्रम के तहत अनिश्चितकालीन बंदी का नेतृत्व कर रहे जमसं टासरा अध्यक्ष बिरजू सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए धरना को समाप्त कर दिया गया है। लड़ाई जारी रहेगी। जमसं सिंदरी शाखा अध्यक्ष रुपेश कुमार उर्फ मुन्ना मुखिया ने बताया कि सेल प्रबंधन रैयतों के साथ अन्याय कर रही है। प्रबंधन उनके जमीन को कब्जा करने की मंशा स्पष्ट नहीं कर रही है। प्रबंधन जनता मजदूर संघ के साथ वार्ता नहीं करना चाह रही है और रैयतों को बरगलाया जा रहा है। बार बार बैठकों में रैयतों से वार्ता के नाम पर दलालों को बुला लिया जाता है। उन्होंने कहा कि जबतक रैयतों को न्याय नहीं मिलेगा, तबतक प्रोजेक्ट का अनिश्चितकालीन चक्का जाम रहेगा। टासरा के राकेश बाउरी और धनराज सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता के बाद भी ग्रामीण अपने हक और अधिकार के लिए शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे रहेंगे।
वहीं सेल के एमडीओ के सहयोगी सह टासरा रोहड़ाबाँध ग्रामीण संघर्ष समिति के नेतृत्वकर्ता गोवर्धन मंडल ने कहा कि जमसं के साथ कंपनी वार्ता करती है तो रैयत ग्रामीण अपनी भूमि नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि रैयत ग्रामीण क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं और प्रोजेक्ट में कोल खनन व डिस्पैच चाह रहे हैं। इसमें शामिल महिलाएँ बाहरी नेताओं की नेतागिरी नहीं चलेगी, माफियाओं को भगाओ की तख्ती लेकर कहा कि कुछ लोग बाहरी नेताओं की आड़ में राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। बाहरी जनता के बीच फूट डालो राज करो की नीति के तहत काम कर रही है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि गुंडा तत्वों को प्रोजेक्ट से बाहर करें।
टासरा के एमडीओ केटीएमपीएल के प्रोजेक्ट निदेशक टी रमेश ने कहा कि धारा 8 की अधिसूचना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन जारी रहा। बाधित कोल डिस्पैच को आंदोलन के बाद पुनः शुरू कर दिया गया है। सीएसआर योजना के तहत टासरा और रोहड़ाबाँध मौजा के ग्रामीणों द्वारा चिन्हित 50 हैंडपंप की रिपेयरिंग, चबूतरे के निर्माण, पानी टंकी के साथ 10 सामुदायिक शौचालय, पूर्व के दरार पड़े घरों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, आँगनवाड़ी की मरम्मत किया गया है। इसके अलावा पूजास्थलों की मरम्मत सहित 20 सोलर टंकी की व्यवस्था ग्रामीणों के लिए किया जा रहा है। बच्चों के लिए खेलने के सामान दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा बताए जा रहे अन्य समस्याओं को भी सुलझाने का काम किया जाएगा। निःशुल्क दवा सहित मेडिकल सुविधा ग्रामीणों को दी जा रही है। प्राथमिक से पाँच कक्षा तक के दो स्कूलों को गोद लेकर उसकी सुविधाओं को सुधारने की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने कहा कि रैयतों के लिए हरसंभव कार्य किया जाएगा, परंतु बाहरी व किसी भी दलों से वार्ता नहीं करेंगे।
दण्डाधिकारी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के तहत जमसं ने शांतिपूर्ण ढंग से बंदी को तत्काल प्रभाव से हटा लिया है।

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