ट्रांसपोर्टिंग की आर में वैध अवैध कार्य होती है धनबाद।

ट्रांसपोर्टिंग की आर में वैध अवैध कार्य होती है धनबाद

रतन लाल अग्रवाल का नाम वैध कोयला डिपो के संचालक एवं समाज में एक रशुक है। ऐसे लोगों से संपर्क स्थापित करने के लिए लोग लालायित एवं परिस्पर्धा भी करते हैँ। बलियापुर में 16 या 17 कोयला डिपो है, जिसमें से एक बंद करवा दिया गया है और अन्य में से 13 ने कहा कि हमसभी लोगों के इंचार्ज रतन लाल अग्रवाल हैँ, उन्हीं के दिशा निर्देश पर हमलोग चलते हैँ। जब रतन लाल अग्रवाल का नाम इतनी इज्जत एवं सम्मान से लिया गया तो फिर उनकी चर्चा अन्यत्र भी की गयी तो सच्चाई सामने आई, जिसे जान कर हतप्रभ हमलोग रह गए। रतन लाल अग्रवाल एवं उनके सुपुत्र अजय लाल अग्रवाल के दो कोल डिपो है और अन्य के 12 हैँ। श्री अग्रवाल सभी से पैसा लेते हैँ वो जो बाजार रेट होती है, जबकि निमियाघाट की ओर बहुत से भट्टों में ऑकसन पर रैक बुक होता है, जो महज बाजार से आधे दाम पर उपलब्ध हो जाता है, फिर आँटे में नमक जैसा स्वादानुसार अवैध कोयला भी समयानंतर पर खरीदी जाती है, वो अलग कहानी है। मतलब ऑकसन के रैक पर माल खरीदकर लोगों को सफलाई करते हैँ और डीओ कुछ और ही होता है। साथ ही एक ही गाड़ी से कई खेफ माल ढूलाई करवाते हैँ, पर चालान एक ही होता है, जो पूरी तरह से सरकार को चुना लगाने या आँखों में धूल झोंकने वाली बात है। ऐसी बातों पर लोगों की नजर भी कम जाती है कि चालान पर टाइम क्या है और आने जाने की जगह कहाँ से कहाँ तक है, जिसमें कितना वक्त लग सकता है आदि। श्री अग्रवाल की इस 420 या गरबर घोटाले को उनके ही एक सदस्य ने खोला, अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर। उसने अगली बार कब इस तरह का दुबारा खेल होगा उसकी भी जानकारी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। उस बेनामी शख्स ने समाचार पत्र के माध्यम से जिला एवं राज्य के प्रशासनिक अधिकारीयों से ऐसे सफेद पोश के खिलाफ जाँच करवाकर दूध का दूध एवं पानी का पानी करने का अनुरोध किया है।
बलियापुर के आसपास के लोगों ने बताया यह भट्ठा सब चालू रहने से हम लोग को काफी स्वास्थ्य लेने में दिक्कत आ रही है इस भट्टे का धुआं से काफी लोग यहां का प्रभावित है ऐसा भत्तों को बलियापुर से हटकर कहीं और जगह पर करना चाहिए काफी मात्रा में प्रदूषण फैलाया जाता है

 

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