धनबाद सीट के लिए स्थानीयता का पेंच फंसा, रिपोर्टकार्ड का रिव्यु पुनः 12 को धनबाद।

धनबाद लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के दावेदारों द्वारा अपनी अपनी अहर्ता से संबंधित समर्पित दस्ताबेज का आद्योपांत अध्ययन के पश्चात चुनाव समिति ने रिपोर्ट कार्ड बनाकर अंतिम निर्णय के लिए सोनिया गांधी को सौंप दिया है, लेकिन इस बीच कई अहम मुद्दे उठाए जाने से दुबारे रिपोर्टकार्ड को अनलॉक कर इसमें जोड़ घटाव 12 अप्रैल को किया जाएगा।
सबसे बड़ा पेंच स्थानीयता का है।
स्थानीयता की बात करें तो पिछले एक दशक से भी ज्यादा से वरिष्ठ कोंग्रेसी अशोक सिंह ने धनबाद से बोकारो तक और बरबड्डा से सिंदरी तक अपने लोगों के साथ जन सेवा की है। कोरोना के वक्त में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति में भोजन बनवाने से बाँटने तक फील्ड में रहते थे। अपने निजी खर्च से दो एम्बुलेंस हर वक्त, जनसेवा के लिए खड़ी कर दी थी। उनसे धनबाद जिले के सभी कार्यकर्त्ता से लेकर समाजसेवी व संगठन प्रभावित है। सबसे बड़ी बात अशोक सिंह का ब्यक्तित्व बिल्कुल साफ सुथरा है, जिसे धनबाद की जनता चुनने में संकोच नहीं करेंगी। ऐसी कई संभावनावो के साथ कांग्रेस को अशोक सिंह को टिकट देनी चाहिए। वही सूत्रों की मानें तो बताया जा रहा है कि भाजपा के उम्मीदवार को देखते हुए महिला को टिकट देने की भी संभावना है तो दूसरे लोकसभा क्षेत्र के अनूप सिंह के परिवार से अनुपमा सिंह को दी जा सकती तो धनबाद लोकसभा अंतर्गत झरिया की सिटिंग विधायक पुर्णिमा नीरज सिंह को क्यों नहीं। दोनों ठाकुर बिरादरी की हैं। स्थानीयता का मुद्दा भी भर जाएगा और महिला उम्मीदवार की कमी भी पूरी हो जाएगी। इस फेक्टर को लागू करने से ददई दुबे जो पिछले एक दशक से भी ज्यादा से धनबाद लोकसभा के लिए अनजान हैँ, अपने आप बाहर हो जाएंगे। उनके पास धन और जन दोनों की फिलहाल किल्लत भी है। ऐसे में तीन दावेदार बचते हैं जलेश्वर महतो। कहीं ब्राह्मण और राजपूत की लड़ाई में सिंका टूटे और टिकट उनकी झोली में गिरे। पर फिलहाल 12 तारीख को सबों के रिपोर्ट कार्ड को पुनः एकबार खोलकर उसका रिव्यु किया जाएगा और फिर 13 या 14 अप्रैल को प्रत्याशी के नाम की घोषणा होगी। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि धनबाद के सम्मानित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सेंटिमेंट का ख्याल रखा जाएगा।

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