छठ व्रतियों ने आस्था की लगाई डुबकी, अस्ताचलगामी भास्कर को दिया पहला अर्घ्य।

छठ व्रतियों ने आस्था की लगाई डुबकी, अस्ताचलगामी भास्कर को दिया पहला अर्घ्य।

सिंदरी/ धनबाद। सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को उपासको ने विभिन्न जलाशयों में अस्थलगामी सूरज को अर्ध्य अर्पित किया। आई एम टाइप छठ तालाब, सहरपुरा शिव मंदिर, 7 लेक पार्क मनोहरटांड़ एवं दामोदर नदीघाट में छठ व्रतियों की भारी भीड़ देखने को मिली।हर जगह छठ के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो रहा था। आतिशबाजी और गाजे बाजे के साथ व्रतधारी नंगे पांव सिर पर दउरा उठाएं छठ घाट तक जा रहे थे, जिसमें पूजन सामग्री के साथ ऋतु फूल- फल , ठेकुआ प्रसाद, अगरबत्ती , नारियल, भरा हुआ था। शाम के समय हाथ में विभिन्न तरह के फलों व जलते दीपक से भरे कलसूप लिए पानी में खड़े होकर छठ व्रतियों ने विधि विधान अस्ताचलगामी भास्कर को अर्ध्य दिया।

12 अप्रैल पहले दिन नहाए खाए, 13 अप्रैल खरना, 14 अप्रैल अस्ताचलगामी सूर्य देवता को विधि विधान से अर्घ्य दिया गया। खरना पूजा का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से ही छठ पूजा का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है जो 36 घंटे तक चलता है। इस दिन दूध गुड वाली खीर और रोटी प्रसाद स्वरूप बनाई जाती है। खास बात है कि इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर बनाया जाता है। सोमवार को छठ व्रती उगते सूरज को जल का अर्ध्य देंगे ।इसके साथ ही व्रत तोड़ा जाएगा और साथ छठ महापर्व का समापन होगा। इसके बाद 36 घंटे उपवास रखने वाले छटवर्ती अन्न- जल ग्रहण करेंगे।

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