बाबू वीर कुँवर सिंह का 167 वां विजय महोत्सव धूमधाम से मनाया गया*

*बाबू वीर कुँवर सिंह का 167 वां विजय महोत्सव धूमधाम से मनाया गया

सिंदरी। सिन्दरी शहर के बाबू वीर कुंवर सिंह चौक पर कुंवर सिंह का विजय उत्सव धूमधाम और हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया। शहर के गण्यमान्य लोगों ने बाबू वीर कुंवर सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। विजय उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ बाबू कुवर सिंह समिति कान्ति देवी के द्वारा बाबू वीर कुंवर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1857 ई. के इस विद्रोह को भारत के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के रूप में माना जाता है। आज ही के दिन 23 अप्रैल को बाबू वीर कुंवर सिंह ने जगदीशपुर स्थित अपने किले पर अंग्रेजों को हराकर अपना अधिकार प्राप्त किया था और अपना झंडा गाड़ा था। इसलिए 23 अप्रैल को विजयोत्सव दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता हैं। उन्होंने कहा कि महान योद्धा एवं प्रक्रम में लोह पुरुष कुंवर सिंह 80 साल की उम्र में तलवार उठाई और अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए। इन्हें राष्ट्रीय एकता, अखंडता तथा स्वाभिमान के प्रतिमूर्ति के रूप में उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। हमारी युवा पीढ़ी को बाबू कुंवर सिंह से देशभक्ति का सीख ले कर मां भारती और समाज की सेवा में पूर्ण निष्ठा और पवित्रता के साथ लग जाना चाहिए। मौके पर बाबू कुंवर सिंह समिति की महासचिव कांति देवी, बाघमारा विधायक की धर्मपत्नी सावित्री देवी, झारखंड बचाओ संग्राम समिति के कौशल सिंह, पतंजलि के उमाशंकर सिंह, राघव तिवारी, इंद्र मोहन सिंह, विदेशी सिंह, मनोज मिश्रा, अरविंद पाठक, ईंदू बाला, चुमकी देवी, सुनीता उपाध्याय सहित कई उपस्थित थे।

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