अब तक नहीं किया गया कम्बल का वितरण :

अब तक नहीं किया गया कम्बल का वितरण

यहां अलाव की भी कोई व्यवस्था नहीं:

 

सिदरी :अपने आप को समाजसेवी कहने वाले बकवास नेता इन दिनों कहां छिपे हैं, जो अपनी स्वार्थता के लिए चुनाव नजदीक आते ही बेकार के ढिढोरा पीटना शुरू कर देते हैं।

कम्बल की जरूरत किसे? जी हां यह एक बड़ा सवाल है कि, आखिर कम्बल की जरूरत किसे है ।असहाय, गरीब, बृद्ध व लाचार को या अपने आप को समाजसेवी व नेता कहने वाले लोगों को। इस बढ़ती ठंड से बचने की लिए खुद रजाई ओढ़ आराम फरमा रहे हैं नेता जी। जबकि उन्हें गरीब जनता के प्रति कोई चिंता ही नहीं हैं ।

क्या नेता जी केवल अपना काम के लिए चुनाव के समय पब्लिक के आगे हाथ जोड़ते हैं।यह बात पब्लिक नहीं जानती हैं। चुनाव नजदीक आते ही स्वार्थता को साधने के लिए अपने आप को समाजसेवी कहते नगर ,हर गांव की एक-एक गली एक-एक घर तक पहुंचकर हाथ जोड़ते हुए बहुमूल्य वोट मांगते फिरते हैं। बिना मंच के भी भाषणों का बौछार कर जनता भ्रमित कर अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयत्न करते हैं।अब पब्लिक पहले की तरह नहीं रह गई । जनता की एक-एक बात पता है कि इन्हीं के वोटों से वे नेता बन पाते हैं। ठंढ दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। बड़े तो बूढ़े ही जवानों के भी हाथ-पैर ठिठुरने लगे ।

 

अलाव की कोई व्यवस्था नहीं:

ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग तो अपने-अपने घरों में ही छिपे हैं। जबकि शहरी क्षेत्र में न ही झारखंड सरकार द्वारा, न ही किसी व समाजसेवी व नेता द्वारा अलाव की व्यवस्था की गई है। सिन्दरी एक औधोगिक शहर है।सिन्दरी औधोगिक शहर में सेल टासरा प्रोजेक्ट,एसीसी एवं हर्ल हैं ।सिन्दरी नगर निगम वार्ड नंबर 53 54 एवं 55 झरिया बलियापुर प्रखंड हैं । यहां थाना व सिन्दरी नगर निगम कार्यालय भी स्थित है, जहाँ किसी न किसी काम को लेकर लिए प्रतिदिन लोग पहुंचते ही रहते हैं। साथ ही यहां से अन्य स्थानों के लिए कई गाड़ियां भी उपलब्ध रहती हैं। यात्री भी बड़ी संख्या में यहां पाए जाते हैं। चिता विषय यह कि यात्रियों, राहगीरों तो दूर जरूरी कार्य को लेकर नगर कार्यालय पहुंचने वाली के लिए भी अलाव की व्यवस्था उपलब्ध नहीं होती है।

केवल सोचनीय तथ्य ही : गरीब- बृद्ध बिना कम्बल के इस भयानक ठंड में किस प्रकार ठिठुर रहे हैं व बिना किसी चिता के समाजसेवी कहने वाले लोग खुद रजाई ओढ़कर ठंड से बचने आराम फरमा रहे हैं, यह केवल सोचनीय तथ्य ही बनकर रह गया है ।

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