अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स, द्वारा एक दिवसीय कला शिविर (“कवि प्रणाम”) आयोजित।

अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स, द्वारा एक दिवसीय कला शिविर (“कवि प्रणाम”) आयोजित।

#कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर को दी गई श्रद्धांजलि।

“कवि-प्रणाम”, कला शिविर में अकादमी के 40 छात्रों -कक्षा एक से ओपन टू आल द्वारा 40 कलाकृतियाँ प्रदर्शित।

#धनबाद: अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स, बैंक मोड़, धनबाद में जो उच्च गुणवत्ता के लिए इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (ISO) 9001-2015 प्रमाणपत्र से नवाजा गया है। एक दिवसीय कला शिविर के माध्यम से कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर को उनकी 164 वीं जयंती वर्ष पर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया है। अकादमी के अध्यक्ष अनुवा घोष ने सर्वप्रथम कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गई।

अनुवा अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स के अध्यक्ष अनुवा घोष ने रबिन्द्र जयंती के अवसर पर बच्चों को रवीन्द्रनाथ टैगोर के विचारों और कला के प्रति उनके योगदान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि टैगोर एक महान कवि, लेखक, और चित्रकार थे जिन्होंने बंगाली साहित्य और संगीत को नई दिशा दी।

अध्यक्ष ने बच्चों को टैगोर के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि टैगोर की कला और साहित्य ने भारतीय संस्कृति को विश्वभर में पहचान दिलाई है।

अध्यक्ष ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे भी टैगोर की तरह अपनी कला और विचारों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने बच्चों को अपनी प्रतिभा को विकसित करने और समाज के लिए कुछ अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती के इस कला शिविरको में कवि गुरु रबिन्द्रनाथ टैगोर जी के चेहरे को कैनवास में दर्शाया गया है ।

#अनुवा अकादेमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स के प्रतिभागियों के संग्रह से 40 कलाकृतियों को दर्शाती हैं। कवि गुरु की संपूर्ण कला कृतियों का यह कला शिविर निश्चित रूप से कला प्रेमियों को समृद्ध करेगा।

अनुवा अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स के निर्देशक डॉ• विक्टर घोष ने कहा कि 164वीं रबिन्द्र जयंती पर अकादमी ने 25वां “कवि-प्रणाम” कला शिविर आयोजित किया, जिसमें कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया । इस कला शिविर का विषय रबीन्द्रनाथ टैगोर जी का चेहरा या उनकी जीवनी को कैनवास में दर्शाना था।

इस “कवि-प्रणाम” कला शिविर के माध्यम से बच्चों को टैगोर की जीवन शैली और उनके विचारों के प्रति रुचि रखने और कला के प्रति आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। डॉ• घोष ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों की कला और रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है और वे महान व्यक्तित्वों के जीवन से प्रेरणा लेते हैं।

#कवि_प्रणाम” कला शिविर आने वाले सभी सफल प्रतिभागियों को अकादमी के अध्यज के द्वारा प्रमाण -पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की | सफल प्रतिभागियों के नाम पहला वर्ग (कक्षा 1 से कक्षा 3 तक) – प्रथम – प्रिया कुमारी – I, द्वितीय – शिवान कुमार – II, तृतीया – अनमोल कुमारी – II

#दूसरा वर्ग (कक्षा 4 से कक्षा 6 तक) – प्रथम – विवेक कुमार – IV, द्वितीय – रेनू कुमारी -V, तृतीया – मौली बैनर्जी- VI

#तीसरा वर्ग (कक्षा 7 से कक्षा 9 तक) – प्रथम – शशि कुमार – VIII, द्वितीय – मधुमिता कुमारी -IX, तृतीया – स्नेहलता दे – IX

#चतुर्थ वर्ग (कक्षा 10 से ओपन टू आल तक)- प्रथम – कोमल कुमारी – X, द्वितीय – मीरा कुमारी -XII, तृतीया – रवि शंकर -XII

डॉ• विक्टर घोष
(निर्देशक /कलाकार / संस्थापक)
अनुवा अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स, धनबाद, झारखण्ड

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