राहुल गांधी ने आरक्षण को 50% तक सीमित करने वाली दीवार को ‘ध्वस्त’ करने की कसम खाई…*

*राहुल गांधी ने आरक्षण को 50% तक सीमित करने वाली दीवार को ‘ध्वस्त’ करने की कसम खाई…*

अहमदाबाद:कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संकल्प लिया कि पार्टी शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देगी।

अहमदाबाद में कांग्रेस के अधिवेशन में बोलते हुए गांधी ने देश भर में जाति जनगणना की पार्टी की मांग दोहराई और कहा कि कांग्रेस पूरे देश में वही लागू करेगी जो तेलंगाना ने हाल ही में लागू किया है। तेलंगाना सरकार ने पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए आरक्षण बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने वाला विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य का कुल आरक्षण सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा से आगे निकल गया।

कांग्रेस की बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “तेलंगाना ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है और देश को रास्ता दिखाया है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह 50 प्रतिशत की दीवार टूट जाएगी। तेलंगाना में जो हुआ, हम दिल्ली और पूरे देश में करेंगे।”

उन्होंने बताया कि तेलंगाना में 90 प्रतिशत आबादी ओबीसी, अत्यंत पिछड़े वर्ग, दलित, खासकर सबसे हाशिए पर पड़े लोग, अल्पसंख्यक और आदिवासी हैं। गांधी ने कहा कि यह जनसांख्यिकीय संरचना पूरे देश में व्यापक वास्तविकता को दर्शाती है।

गांधी ने मंडल आयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा उपलब्ध सीटों या पदों के 50 प्रतिशत तक सीमित कर दी गई थी। कांग्रेस ने लगातार इस सीमा को हटाने की मांग की है, यह तर्क देते हुए कि यह हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए अवसरों को सीमित करता है और शिक्षा, रोजगार और संसाधनों तक अधिक न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

सोमवार को पटना में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में बोलते हुए गांधी ने कहा, “मैंने लोकसभा में नरेंद्र मोदी से उनके सामने ही कहा था: यदि आप आरक्षण पर इस कृत्रिम 50 प्रतिशत की बाधा को नहीं हटाएंगे, तो हम इसे तोड़ देंगे, नष्ट कर देंगे और फेंक देंगे।”

अहमदाबाद की बैठक में गांधी ने भाजपा पर “दलित विरोधी मानसिकता” रखने का भी आरोप लगाया। उन्होंने राजस्थान की एक घटना का हवाला दिया, जहां एक पूर्व भाजपा विधायक ने कथित तौर पर एक मंदिर को “शुद्ध” करने के लिए उसमें गंगा जल छिड़का था। यह घटना तब घटी, जब विपक्षी नेता टीकाराम जूली ने वहां एक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया था।

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