जय माता दी मंदिर में पाम्परिक विधि-विधान के साथ माँ विपत्तारिणी की पूजा सुसमपन्न* बलियापुर।

*जय माता दी मंदिर में पाम्परिक विधि-विधान के साथ माँ विपत्तारिणी की पूजा सुसमपन्न* बलियापुर।

जय माता दी मंदिर में वैष्णवी विपत्तारिणी की विशेष पूजा की व्यवस्था की गई, जिसमें विशेष तौर पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष मुकेश सिंह, जन अधिकार मंच के अध्यक्ष रंजीत कुमार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यदेव सिंह, राजू पाण्डेय, उमेश राम आदि शामिल हुए। पुजारी ने बताया कि वैष्णवी विपत्तारिणी की पूजा सबों के सुख-शांति, सुहागिन महिलाएँ अपने पति, संतान व पूरे परिवार के कल्याण के लिए करती हैं। रथयात्रा के बाद जो पहला मंगलवार और शनिवार पड़ता है, उसमें यह पूजा करने की परंपरा है। “माँ विपत्तारिणी माँ दुर्गा का ही एक अन्य स्वरूप हैं। विपत्तारिणी पूजा में संख्या ‘13 का विशेष महत्व है, इस पूजा में “वरदसूत्र” (रक्षासूत्र) बांधने की परंपरा है, जो 13 दूब से तैयार किया जाता है। महिलाओं ने उपवास रखकर इसे तैयार करते है। मान्यता है कि यह सूत्र बांधने से पति व संतान पर आनेवाली हर विपत्ति टल जाती है। मंदिर में पंडित ने मां विपत्तारिणी से क्षेत्र की सुख – शांति एवं जनकल्याण हेतु पूजा-आराधना किए। मुकेश सिंह ने सिंदरी विधानसभा के सभी निवासियों के सुख – शांति की कामना के साथ माता से आशीर्वाद प्राप्त कर प्रसाद ग्रहण किए। विपत्तारिणी मंत्र “ऊं ह्रीं विपत्तारिणी दुर्गायै नम:”, के मंत्रोच्चार से श्रद्धालुओं मां से हर तरह की विपत्ति हरने की प्रार्थना करते है। मां विपत्तारिणी को 13 तरह के फल, फूल, मिठाई, पान, सुपारी व दूब का भोग लगाया जाता है। बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने परिवार के कल्याण की कामना के साथ पूजा अर्चना की। पूजा की ब्यवस्था में जय माता दी मंदिर कमिटी के प्रशांत चंद भुही, मुन्ना कुमार, नविन रजक, अतुल सिंह आदि सभी लोग सक्रिय रहे।

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