कर्मचारियों को वॉर्ड सर्वेंट के बजाय वॉर्ड बॉय कहकर सम्मान बढ़ाया जाए – पूर्ववर्ती छात्र

कर्मचारियों को वॉर्ड सर्वेंट के बजाय वॉर्ड बॉय कहकर सम्मान बढ़ाया जाए – पूर्ववर्ती छात्र

सिंदरी । बीआईटी सिंदरी में आयोजित तीन दिवसीय प्लेटिनम जुबली समारोह के अंतिम दिन रविवार को कर्मचारियों को वॉर्ड सर्वेंट के बजाय वॉर्ड बॉय कहने पर जोर देकर उनका सम्मान बढ़ाया। 1973 – 77 बैच के पूर्ववर्ती छात्रों ने कर्मचारियों के सम्मान में हैंडबैग और शाल भेंट किए। यह कार्यक्रम बीआईटी सिंदरी के कर्मचारियों और श्रमिकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक बनकर समाप्त हुआ।
प्लेटिनम जुबली के अंतिम दिन के कार्यक्रम की शुरुआत देशपांडे ऑडिटोरियम में संस्थान के पहले निदेशक प्रो डी एल देशपांडे के प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। झारखंड के संस्कृति को प्रदर्शित करती सांस्कृतिक नृत्य के साथ अतिथियों को एम सी मैदान में लाया गया। पूर्ववर्ती छात्रों ने कहा कि हमें संस्थान के एम सी ग्राउंड को एक स्टेडियम में बदलने की दिशा में काम करना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर से महान लोग नहीं बनते, बल्कि महान लोग ही इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाते हैं। 1958 – 62 बैच के डॉ मीना सिन्हा एमडी और रजत सिन्हा ने अपनी बेटी दिवंगत डॉ शिनी सिन्हा एमडी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए बीआईटी सिंदरी के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग को उन्नत पर्यावरण इंजीनियरिंग प्रयोगशाला उपकरण दान किए। प्रयोगशाला का उद्घाटन संस्थान के प्लेटिनम जुबली समारोह के तहत किया गया।

उभरती प्रौद्योगिकी के एआई और जेनरेटिव एआई पर हुई चर्चा

एक्योर एआई के को फाउंडर एम रज़ा ने कहा कि एआई से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सभी जीवन प्रभावित हो रहे हैं। एआई किस तरह रोजमर्रा के जीवन में वर्चुअल असिस्टेंट से लेकर उद्योगों में जटिल निर्णय लेने तक गहराई से एकीकृत हो रहा है। राजेश सहगल ने कहा कि यह तकनीक पहले ही उद्योगों में क्रांति ला चुकी है। एक्योर एआई सीईओ शमशाद अंसारी ने बताया कि अब तक 15 से अधिक एआई सक्षम रोबोटिक सिस्टम विकसित किए जा चुके हैं।
रोजगार सृजन विषय पर चर्चा के लिए प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों, पेशेवरों और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया और उद्यमिता के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए। युवा स्नातकों को नौकरी खोजने वाले के बजाय नौकरी सृजनकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उद्यमिता केवल व्यवसाय बनाने के बारे में नहीं है। यह अवसर बनाने और भविष्य को आकार देने के बारे में है।
मुख्य अतिथि के रूप में सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश, साइबर विद्यापीठ चेयरमैन शशांक शेखर गरुरियार, एनएचपीसी अध्यक्ष राजकुमार चौधरी, जेयूटी कुलपति प्रो डी के सिंह, आईआईएम जम्मू निदेशक प्रो बी एस सहाय, बिटसाना अध्यक्ष दिव्यांशु राज, बिटसा अध्यक्ष अमित राय, बिटसा सचिव श्वेता कुमारी, संस्थान निदेशक डॉ पंकज राय, सीडीसी चेयरमैन डॉ घनश्याम, डीन प्रो प्रकाश कुमार, संस्थान के पूर्ववर्ती छात्र एवं प्रोफेसर उपस्थित थे।

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