धनबाद के पत्रकार संघ कर रहे काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन।

धनबाद के पत्रकार संघ कर रहे काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन।

सिदरी: बुधवार को ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के शहरी जिला महासचिव आशीष गुप्ता के लापता होने की बर ने पत्रकारिता समुदाय में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। आशीष गुप्ता कल से लापता हैं, और उनके परिवार को प्रताड़ित करने की भी सूचनाएँ मिल रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, जमशेदपुर में २०१८ बैच के दारोगा और जादूगोडा़ थाना प्रभारी अभिषेक कुमार के साथ आशीष गुप्ता की तीन मार्च २०२४ को एक बहस हुई थी। इस बहस के बाद से आशीष गुप्ता के लापता होने का मामला तूल पकड़ लिया है। यह भी कहा जा रहा है कि व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते अभिषेक कुमार ने आशीष गुप्ता को लक्षित किया।

सिंदरी में इस घटना के खिलाफ पत्रकारों और स्थानीय नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रमंडल प्रभारी बोकारो जोन राजेश कुमार सिंह, ग्रामीण जिला अध्यक्ष नेपाल महतो,सिंदरी: बुधवार को ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के शहरी जिला महासचिव आशीष गुप्ता के लापता होने की खबर ने पत्रकारिता समुदाय में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। आशीष गुप्ता कल से लापता हैं, और उनके परिवार को प्रताड़ित करने की भी सूचनाएँ मिल रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, जमशेदपुर में २०१८ बैच के दारोगा और जादूगोडा़ थाना प्रभारी अभिषेक कुमार के साथ आशीष गुप्ता की तीन मार्च २०२४ को एक बहस हुई थी। इस बहस के बाद से आशीष गुप्ता के लापता होने का मामला तूल पकड़ लिया है। यह भी कहा जा रहा है कि व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते अभिषेक कुमार ने आशीष गुप्ता को लक्षित किया।

सिंदरी में इस घटना के खिलाफ पत्रकारों और स्थानीय नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रमंडल प्रभारी बोकारो जोन राजेश कुमार सिंह, ग्रामीण जिला अध्यक्ष नेपाल महतो, दीपक मिस्त्री, रतन अग्रवाल, सुरेश महतो, कुलबीर सिंह, प्रेम प्रकाश शर्मा, राजकुमार शर्मा,नरेंद्र जोशी ,विजय ठाकुर, दिलीप गुप्ता, मोहम्मद मुजाहिर इशलम अन्य शामिल हैं। इनका कहना है कि ऐसे मामलों से पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता खतरे में पड़ रही है।आशीष गुप्ता का लापता होना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि झारखंड के पत्रकारों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए एक गंभीर खतरा साबित हो सकती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं। इस प्रकार के घटनाक्रमों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना आवश्यक है, ताकि पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बनाए रखा जा सके। दीपक मिस्त्री, रतन अग्रवाल, सुरेश महतो, कुलबीर सिंह, प्रेम प्रकाश शर्मा, राजकुमार शर्मा ,विजय ठाकुर, दिलीप गुप्ता, मोहम्मद मुजाहिर इशलम अन्य शामिल हैं। इनका कहना है कि ऐसे मामलों से पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता खतरे में पड़ रही है।आशीष गुप्ता का लापता होना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि झारखंड के पत्रकारों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए एक गंभीर खतरा साबित हो सकती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं। इस प्रकार के घटनाक्रमों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना आवश्यक है, ताकि पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बनाए रखा जा सके।

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