झरिया अंचल अधिकारी से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भी नहीं हटा कांटों का तार अधिवक्ता अंजन सिन्हा अदालत से किए हैं न्याय की गुहार*

*झरिया अंचल अधिकारी से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भी नहीं हटा कांटों का तार अधिवक्ता अंजन सिन्हा अदालत से किए हैं न्याय की गुहार*

धनबाद। बिगत कुछ महीनों से जोड़ापोखर थाना प्रभारी एवं अधिवक्ता अंजन सिन्हा के बीच जमीन घेराबंदी को लेकर दैनिक अखवारों में सुर्खियां बनी विवाद खत्म होने का नाम नही ले रहा जबकि झरिया अंचल अधिकारी राम सुमन प्रसाद ने अपने रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर चुकें हैं कि 1.23 एकड़ बिहार सरकार के नाम दर्ज है थोका का अवलोकन करने पर पाया कि जमीन की जमाबंदी संख्या 3387 खाता नंबर 29 प्लॉट नंबर 2584 रकवा 2.5 कट्ठा शारदानन्द सिंह पिता दशरथ सिंह के नाम पर कायम है। जिसका दाखिल खारिज केश न0 15(V) 2012-13 है और आपको बताते चलें कि इस भू -भाग पर निर्मित मकान में पानी और बिजली का कनेक्शन अधिवक्ता अंजन सिंहा के नाम है। इतना ही नहीं उस मकान की चाबी भी द्वितीय पक्ष अंजन सिंहा के पास है बावजूद इसके शायद पुलिस अधिकारियों के लिए यह मामला इगो का प्रश्न बना हुआ है। आखिर क्यों ? जबकि कानूनी रूप से उक्त भू – भाग सरकार की नहीं है। अब सवाल यह पैदा होता है कि आखिर ऐसा क्यों ? जब भी कोई थानेदार आते हैं तो जांच कराते हैं जांच रिपोर्ट भी आती है और विवाद भी बरकरार रहता है यह ईगो नहीं तो और क्या है ? बताते चलें कि वर्ष 2012 में भी तत्कालीन प्रभारी द्वारा झरिया अंचलाधिकारी से जांच रिपोर्ट प्राप्त कर अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है।

*अधिवक्ता अंजन सिन्हा का माने तो यह सारा खेल वर्तमान थाना प्रभारी का रचाया हुआ है ताकि उनसे कुछ मोटी रकम खेंच सके*

अभी हाल में जोरापोखर थाना का नया भवन बना और इसकी चहारदीवारी की तार से घेराबंदी किए जाने के क्रम में अधिवक्ता अंजन सिन्हा की कब्जे वाली जमीन और मकान की भी घेराबंदी कर ली गई जिसका विरोध अंजन सिन्हा ने उसी वक्त किया परंतु उसकी एक न सुनी रातों रात घेरा बन्दी कर दी गई और तब से यह मामला तुल पकड़ लिया। अब इस मामले को लेकर अधिवक्ता अंजन सिन्हा ने इंसाफ के लिए पूरे प्रमाण के साथ न्यायालय की शरण में गए हैं जिसमें थाना प्रभारी राजेश प्रकाश सिन्हा, जोड़ापोखर थाना के मुंशी राजेश कुमार, संबंधित ठेकेदार के मुंशी झा जी को अभियुक्त बनाया गया है। न्यायालय ने इसे गंभीरता से भी लिया है। अब देखना है कि आगे – आगे होता है क्या? यह तो आने वाला समय ही बताएगा ?

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