अजब- गजब रिवाज : यहां मौत के बाद शव को नहीं दफनाते, घरों में रखते हैं सालों साल*

*अजब- गजब रिवाज : यहां मौत के बाद शव को नहीं दफनाते, घरों में रखते हैं सालों साल*

इस दुनिया में भी अजीबों गरीब रीति रिवाज है। अगल- अलग देश उनकी अलग-अलग परम्पराएं। इस दुनिया में कई तरह की जातियां एवं जनजातियां रहती हैं । उनके रहन सहन एवं रिवाज भी काफी अद्भूत है। बहुत सी ऐसी जनजातीय है जो आज भी अपनी पूर्वजों से चली आ रहीं मान्यताओं के अनुसार ही जी रही हैं। आज भी वे लोग पूरी दुनियां में होने वाले बदलाव से भी खुद को अलग रखे हुए । जिनके बारे में लोग आज भी अनजान हैं। कुछ ऐसी ही जनजातीय इंडोनेशिया में रहती है जिनकी परम्परा काफी भिन्न है। मृत्यु के बाद उनके संस्कार को जानकर आप भी आचम्भित रह जाएंगे । यहां भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। एक ऐसा समाज है, जहां आज भी परिवार के सदस्य के मृत्यु के बाद शव को नहीं दफनाया जाता।

मौत होने पर शव को रखते हैं साथ
इंडोनेशिया में एक ऐसा समाज है, जहां यह परंपरा है कि परिवार के सदस्य की मौत हो जाने पर न तो अंतिम संस्कार करते हैं और न ही दफनाते हैं। इसके बावजूद उन्हें अपने साथ ही रखते हैं। तोराजन समाज के लोग मृत्यु को भी अपने जीवन का एक हिस्सा मानते हैं। इतना ही नही, परिवार के मृत सदस्य के साथ ही जीते हैं।

तोराजन समान की कुछ ऐसी है मान्यता
इस परंपरा में लोग जैसी अपनी लाइफस्टाइल जीते हैं, उसके बिल्कुल विपरीत जीते हैं। इंडोनेशिया में सुलावेसी के पहाड़ों में रहने वाले तोराजन समाज के लोग मृत सदस्यों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं, जैसे वह बीमार हैं ना कि कोई शव।

रोज दोपहर के खाने के लिए करते हैं आमंत्रित

परंपरागत रूप से इस समाज के लोग मृत सदस्य को रोजाना दोपहर के खाने के लिए आमंत्रित करते हैं। ऐसा वह तब तक करते हैं, जब तक कि उन्हें आखिरकार दफना ना दिया जाए। सूत्राें के अनुसार, परिवार अपने मृत सदस्य के शव को सालों-साल तक अपने घरों में रखते हैं।

घर के अलग कमरे में रखते हैं लोग
सुलावेसी की तोराजन मान्यता में, हर दिन मृतक को खाना खिलाने और शव को परिवार के घर के एक अलग कमरे में बिस्तर पर रखते हैं। क्योंकि यह एक प्रथा है। यह तब तक किया जाता है जब तक कि परिवार मृत सदस्य का उचित अंतिम संस्कार नहीं कर देता।

दफनाने के बाद रखते हैं ऐसा ख्याल
हालांकि, जब अंतिम संस्कार करने का वक्त आता है तो शव को कब्र में दफनाया जाता है। दफनाने के बाद भी शव की नियमित देखभाल की जाती है और साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है। मेनने (पूर्वजों की देखभाल) नाम की एक परंपरा के अनुसार नए कपड़े दिए जाते हैं।

ताबूत में उपहार रखने की परंपरा
तोराजन परंपरा में ताबूत में गिफ्ट रखने की प्रथा है, उनकी मनपसंद चीजें जैसे- मोबाइल, पर्स, कंगन और घड़ी आदि। अन्य लोग अपने प्रियजनों के साथ हीरा भी गाड़ सकते हैं। कई बार इस कारण डकैती भी हो जाती है। कुछ तोरजन मृतकों के साथ रखने वाले अपने उपहारों को गुप्त रखते हैं

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