आज बर्थ डे स्पेशल : ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ असरानी सिर्फ हंसाते ही नहीं, अच्छा गाते भी हैं*

*आज बर्थ डे स्पेशल : ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ असरानी सिर्फ हंसाते ही नहीं, अच्छा गाते भी हैं*
*मुंबई:* असरानी ने अधिकतर फिल्मों में साइड रोल किए हैं मगर ‘चला मुरारी हीरो बनने’ और ‘सलाम मेमसाहब’ जैसी फिल्मों में उन्होंने लीड एक्टर के तौर पर भी काम किया है. असरानी ने 1967 में रिलीज हुई फिल्म ‘कांच की चूड़ियां’ से फिल्मों में कदम रखा. असरानी ने यूं तो कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया है लेकिन ‘शोले’ में जेलर का किरदार निभा अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ दी. ‘हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं’ डायलॉग ऐसा हिट हुआ कि आज भी कई मौके पर बोला जाता है.
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और कॉमेडियन असरानी आज अपना 82वां जन्मदिन मना रहे हैं. असरानी का जन्म 1 जनवरी 1940 में जयपुर में हुआ था. असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी है. उन्होंने 5 दशक तक फिल्मों में काम किया है, जिनमें 350 से भी ज्यादा फिल्में शामिल हैं. 1964 में उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में दाखिला लिया और वहीं से अभिनय सीखा. शुरु में उन्हें ज्यादा रोल नहीं मिले इसलिए वो एफटीआईआई में ही शिक्षक बन गए थे. असरानी ने दर्शकों को सिर्फ हंसाया ही नहीं बल्कि मधुर संगीत भी सुनाया है. कम लोग ही जानते हैं कि असरानी ने फिल्मों में गाना भी गाया है.
*असरानी नाम से ही आ जाती है चेहरे पर मुस्कान*
बॉलीवुड में यूं तो कई कलाकार समय के साथ गुमनामी में खो जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता, ऐसे ही हैं असरानी. असरानी के फिल्मों में एंट्री मिलने की कहानी आसान नहीं है. काफी मुश्किल से उन्हें मौका मिला और जब मौका मिला तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपनी शानदार परफॉर्मेंस से सबके चेहरे पर मुस्कान लाने वाले असरानी को बेस्ट परफॉर्मेंस कॉमिक रोल के फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुका है.
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असरानी को देखते ही आ जाती है चेहरे पर मुस्कान.
*असरानी ने फिल्मों में गाना भी गाया है*
असरानी को कॉमेडियन एक्टर के तौर पर ही माना जाता है लेकिन कम लोगों को पता होगा कि वह गाना भी बहुत अच्छा गाते हैं. 1977 में आई फिल्म ‘आलाप’ में असरानी ने दो गाने गाए जो उन्हीं पर फिल्माए भी गए. इसके अलवा ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ में मशहूर गायक किशोर कुमार के साथ भी एक गाना गाया
*‘शोले’ में असरानी ने की शानदार एक्टिंग*
असरानी ने अधिकतर फिल्मों में साइड रोल किए हैं मगर ‘चला मुरारी हीरो बनने’ और ‘सलाम मेमसाहब’ जैसी फिल्मों में उन्होंने लीड एक्टर के तौर पर भी काम किया है. असरानी ने 1967 में रिलीज हुई फिल्म ‘कांच की चूड़ियां’ से फिल्मों में कदम रखा. असरानी ने यूं तो कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया है लेकिन ‘शोले’ में जेलर का किरदार निभा अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ दी. ‘हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं’ डायलॉग ऐसा हिट हुआ कि आज भी कई मौके पर बोला जाता है. इसके अलावा ‘मेरे अपने’, ‘बावर्ची’, ‘परिचय’, ‘अभिमान’, ‘मेहबूब’, ‘बंदिश’, ‘चुपके-चुपके’ जैसी फिल्मों में असरानी ने बेहतरीन अदायगी दिखाई.
दुमका से जोशी न्यूज़ रिपोर्टर हेमंत स्वर्णकार की रिपोर्ट