हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल सिन्दरी युनिट) में “प्राण रक्षा” विषय पर दो दिवसीय

हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल सिन्दरी युनिट) में “प्राण रक्षा” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को जाने-माने चिकित्सक,आपातकालीन चिकित्सा सेवा के दक्ष व अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के सर्टिफाइड इंस्ट्रक्टर डॉ. ओंकार नाथ ठाकुर ने संबोधित किया और मानव पुतला के साथ प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यशाला में उपस्थित लोगों को बताया गया कि आपातकालीन स्थिति में प्राण रक्षा तत्काल किस प्रकार किया जाय। इस विषय पर डॉ. ठाकुर ने उपस्थित लोगों को विस्तार से बताया।उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद सार्वजनिक स्थलों पर हार्ट अटैक की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। इससे निपटने और लोगों की प्राण रक्षा के लिए आम आदमी को भी बचाव की जानकारी होना आवश्यक है।उन्होंने इसके मद्देनजर पीड़ित व्यक्ति को अचेतन अवस्था में दिए जाने वाले जीवन रक्षक प्रणाली की जानकारी उपस्थित लोगों को दी। उन्होंने कहा कि बेसिक लाइफ सपोर्ट जो सामान्य और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए अनिवार्य होता है और एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट जो डॉक्टरों के लिए अनिवार्य होता है, ऐसे ट्रेनिंग का झारखंड में सर्वथा अभाव रहा है, जिसकी लोगों के बीच में प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। इस अवसर पर हर्ल के वरीय उपाध्यक्ष दिप्तेन राय ने डॉ.ओंकार नाथ ठाकुर के मार्गदर्शन में हर्ल कर्मियों को विश्व स्तरीय आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही। कार्यशाला में हर्ल के डॉक्टर,पारामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा पदाधिकारी, फायर फाइटिंग टीम के सदस्य के अलावा विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया एवं प्रशिक्षण प्राप्त किया। मालूम हो कि 80% हार्ट अटैक हॉस्पिटल से बाहर ही होते हैं। अतः जन सामान्य का भी यह दायित्व बनता है कि उन्हें इसकी जानकारी हो और वे ऐसे मरीजों को तत्काल 5 मिनट के अंदर कार्डियो पलमोनरी रिसस्सीटेशन (सीपीआर) यानी छाती को बार-बार दबाना शुरू करें। ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डीफीबरीलेटर (एईडी) यानी इलेक्ट्रिक शॉक का इस्तेमाल करना शुरू करें,जिससे मरीजों की प्राण रक्षा की जा सके। मालूम हो कि आजकल एईडी मॉल में, रेलवे प्लेटफार्म, एयरपोर्ट, जिम आदि के अंदर उपलब्ध होता है जिसे कोई भी समान्य व्यक्ति ट्रेनिंग के बाद इस्तेमाल कर सकता है। डॉ. ओंकारनाथ ठाकुर के इस प्रशिक्षण व जानकारी की उपस्थित सभी लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की और कार्यशाला में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर हर्ल के वरीय उपाध्यक्ष डॉ.ओंकार नाथ ठाकुर को अंग वस्त्र एवं मेमोंटो प्रदान कर सम्मानित किया।

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