मां दुर्गा का पंडालून का खूबसूरती का नजारा

मां दुर्गा का पंडालून का खूबसूरती का नजारा

लोको बाजार,ट्रैफिक कॉलोनी,मोहन बाजार, पाथरडीह बस स्टैंड पंडाल एवं मूर्ति सभी बहुत अच्छे बने हुए हैं लोगों की काफी भीड़ थी दुर्गा पूजा एक हिंदू त्यौहार है जो देवी माँ की पूजा और राक्षस महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की जीत का उत्सव है। यह त्यौहार ब्रह्मांड में ‘शक्ति’ के रूप में महिला शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह बुराई पर अच्छाई का त्यौहार है। दुर्गा पूजा भारत के सबसे महान त्यौहारों में से एक है।इस प्रकार, यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, हालांकि यह एक फसल उत्सव भी है जो देवी को जीवन और सृजन के पीछे मातृ शक्ति के रूप में मनाता है। दुर्गा पूजा हिंदू धर्म की अन्य परंपराओं द्वारा मनाए जाने वाले नवरात्रि और दशहरा समारोहों के साथ मेल खाती है।पूजा की शुरुआत कब से हुई, इस बारे में अलग- अलग मत हैं

कुछ लोगों का मानना है कि पूजा हमेशा से होती रही है

वहीं, हड़प्पा की खुदाई में पशुपति की मूर्ति के प्रमाण मिलने से माना जाता है कि मूर्ति पूजा की शुरुआत हड़प्पा काल से हुई थी

मूर्ति पूजा की शुरुआत तीन तरह के लोगों ने की थी

वास्तु और खगोल विज्ञान के जानकारों ने तारों और नक्षत्रों के मंदिर बनाए

पूर्वजों या प्रॉफेट के मरने के बाद उनकी याद में मूर्ति बनाई गई

अपने-अपने देवता गढ़ लिए गएसिन्धु घाटी सभ्यता का पूर्व हड़प्पा काल करीब 3300 से 2500 ईसा पूर्व माना जाता है।पूजा की शुरुआत कब से हुई, इस बारे में अलग- अलग मत हैं

कुछ लोगों का मानना है कि पूजा हमेशा से होती रही है.

वहीं, हड़प्पा की खुदाई में पशुपति की मूर्ति के प्रमाण मिलने से माना जाता है कि मूर्ति पूजा की शुरुआत हड़प्पा काल से हुई थी

मूर्ति पूजा की शुरुआत तीन तरह के लोगों ने की

वास्तु और खगोल विज्ञान के जानकारों ने तारों और नक्षत्रों के मंदिर बनाए.

पूर्वजों या प्रॉफ़ेट के मरने के बाद उनकी याद में मूर्ति बनाई गई

अपने-अपने देवता गढ़ लिए गए.

छठ पूजा की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी, ऐसा माना जाता है. कहा जाता है कि सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके छठ पूजा की थी.

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, माता सीता ने भी बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर छठ पूजा की थी

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000