फाइलेरिया रोगियों को दिव्यांगता से बचाने के लिए एमएमडीपी किट वितरित

*फाइलेरिया रोगियों को दिव्यांगता से बचाने के लिए एमएमडीपी किट वितरित* …
फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर हमारे आपके घरों के आसपास स्थित नालियों और जमा गंदे पानी में पाया जाता है। फाइलेरिया रोग के लक्षण परिलक्षित होने में 10 से 15 साल लगते हैं जिसके कारण समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं. इसलिए फाइलेरिया को मिटाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास जारी है.
चासनाला…फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं. इसलिए फाइलेरिया को मिटाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास जारी है. यह बातें मंगलवार को गौशाला पीएचसी में फाइलेरिया मरीजों को दिव्यांगता से बचाने के लिए एमएमडीपी किट वितरण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के NVBDCP की टिम के वरुण कुमार ने कही. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से फाइलेरिया के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जा रही है. वहीं, फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों के लिए निःशुल्क उपचार की व्यवस्था भी की गई है. इस दौरान लगभग 60 से अधिक फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. इस किट में टब ,मग, तौलिया, साबुन, एंटीफंगल, एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट सहित कई जरूरी चीजें भी उपलब्ध है. इस किट की मदद से फाइलेरिया से संक्रमित अंगों की साफ-सफाई कर संक्रमण से बचा जा सकता है साथ ही संक्रमित अंगों को दिव्यांग होने से बचाया जा सकता है.
इस मौके पर वरुण कुमार, डॉक्टर दिलीप कुमार, सहिया साथी राखी देवी सहित सहिया चुनकी देवी, रेखा देवी, अंजना राय, छाया बॉस , शीला चटर्जी,
तुम्पा चटर्जी, सावित्री देवी, बीनोटा देवी, अनीता देवी , डॉली देवी, सीतारानी देवी, छाया बॉस, सुनीता देवी सहित क्षेत्र की सभी सहिया मौजूद थी।

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