आसनबनी में भूमि अधिग्रहण करने गए अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का करना पड़ा सामना, बैरंग लौटे अधिकारी

आसनबनी में भूमि अधिग्रहण करने गए अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का करना पड़ा सामना, बैरंग लौटे अधिकारी

सिंदरी । सेल चासनाला की महत्वाकांक्षी परियोजना टासरा प्रोजेक्ट से विस्थापित किए गए रैयतों के पुनर्वास के लिए बलियापुर अंचल के आसनबनी में बनने जा रहे आवासों के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध गुरुवार को ग्रामीणों ने किया। ग्रामीणों की माँग थी कि ऊपजाऊ जमीन को ग्रामीण सरकार को नहीं देंगे। आसनबनी के ग्रामीणों ने कहा कि सरकार जिला प्रशासन के बल पर जबरन भूमि अधिग्रहण करना चाहती है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का साथ देने पहुँचे सीपीएम नेता विकास ठाकुर और सूर्य कुमार सिंह ने बताया कि खेतिहर जमीन को किसान नहीं देना चाहता है तो भू अधिग्रहण में जिला प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पिछले दिनों उपायुक्त धनबाद और टुंडी विधायक की वार्ता में यह तय हुआ था कि ग्रामीण जमीन देना नहीं चाहेंगे तो जमीन अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। फिर अचानक जिला प्रशासन के सहयोग से किस प्रकार टासरा परियोजना के पदाधिकारी जबरन खेतिहर जमीन को कब्जा करने पहुंच गए हैं। ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जायज है। जिला प्रशासन यदि बलपूर्वक किसानों की जमीन को सेल प्रबंधन को दिलाने में सहयोग करती है तो यह अन्याय होगा। इसका मुकाबला किसान और न्यायपसंद जनता करेगी।
आसनबनी में जमीन अधिग्रहण के दौरान पहुँचे बलियापुर अंचल अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि टासरा प्रोजेक्ट के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए आसनबनी में जमीन अधिग्रहण विधिसम्मत किया जा रहा है। ग्रामीणों के विरोध पर उन्होंने कहा कि आसनबनी मौजा के 379 रैयतों में 323 ग्रामीणों ने जमीन देकर मुआवजा राशि प्राप्त कर लिया है। बाकी बचे 56 रैयतों में 20 रैयतों ने भूमि अधिग्रहण में अपनी सहमति दे दी है। अंचल अधिकारी ने कहा कि बाकी बचे 36 रैयत विरोध कर रहे हैं, जल्द ही इन रैयतों को भी मना लिया जाएगा। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों का विरोध जारी है।

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